ईडी का जयपुर में छापा/ 15 करोड़ का सोना-चांदी और नकदी जब्त

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जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए चेन्नई से जयपुर सोने की तस्करी का खुलासा किया है। प्रारंभिक पड़ताल में खुलासा हुआ कि तस्करी का यह सोना और चांदी जयपुर में तीन नामी सराफा कारोबारियों द्वारा चेन्नई में एक व्यक्ति के माध्यम से कोलकाता से होकर यहां मंगवाया जाता है।

ईडी ने तस्करी कर मंगवाए गए करीब 26.97 किलो सोने की ईंट व आभूषण, 12.22 किलो चांदी सहित विदेशी और भारतीय मुद्रा जिसकी कीमत करीब पौने चार करोड़ रुपए है, जब्त कर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के प्रावधानों के तहत की है। कुल जब्ती 15 करोड़ से ज्यादा की बताई जा रही है।

ईडी के अधिकारियों के मुताबिक- विश्वस्त सूत्रों से सूचना मिली थी कि जयपुर के मेसर्स महाराजा ज्वैलर्स, भगवती ज्वैलर्स और लड़ीवाला ज्वैलर्स द्वारा चेन्नई निवासी हर्ष बोथरा, जो कि बांका बुलीयन्स का संचालक है। उसके मार्फत तस्करी का सोना खरीदा जाता है। यह भी शिकायत मिली कि सोने की छड़ों की इस तस्करी में कई और लोग शामिल है। कई जगहों से होकर मुख्यतया कोलकाता से सोना जयपुर पहुंचाया जाता था। इसके बाद इन छड़ों की सोने की ईंटों की डिजाइन बनाई जाती थी।

विदेश से लाया जाता है सोना
ईडी सूत्रों के अनुसार इन संदिग्ध लोगों द्वारा सोने की तस्करी का आमतौर पर यह तरीका इस्तेमाल किया जाता है कि विदेश से तस्करी कर मंगवाए गए सोने की छड़ों पर उत्कीर्ण उनके निर्माता / बैंक के विदेशी चिह्न को विशेष तकनीक से हटा दिया जाता है। इसके बाद विभिन्न एजेंसियों को चकमा देकर विभिन्न डिजाइन तैयार कर तस्करी के रास्ते से देश में लाया जाता है, ताकि वे पकड़े नहीं जा सकें। ये तस्करी के सोने से निर्मित आभूषणों का हिसाब नहीं देते थे। बल्कि, सोने की तस्करी के लिए फंड इन शहरों में स्थित हवाला एजेंटों के माध्यम से स्थानांतरित कर दिए जाते थे।

इसके बाद ईडी की टीमों ने जयपुर, कोलकाता और चेन्नई में विभिन्न जगहों पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) के प्रावधानों के तहत सर्च अभियान चलाया। इसके तहत बेहिसाब भारतीय मुद्रा और विदेशी मुद्रा की जब्ती हुई। इनमें 26.97 किलो सोने की ईंट और चांदी 12.22 किलोग्राम वजनी व विदेशी व भारतीय मुद्रा (पौने 4 करोड़ रुपए) दस्तावेजों के साथ जब्त की गई। ईडी इन तस्करों से जब्त इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल उपकरणों की जांच कर सकती है। जिसके जरिए अवैध लेनदेन के बारे में और जानकारी मिल सकती है।