सिगरेट पर सेस लगाने के बाद विदेशी निवेशकों को भी 9 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल द्वारा सोमवार को सिगरेट पर सेस लगाने के बाद देश की सबसे बड़ी सिगरेट कंपनियों में शुमार इंडियन टौबेको कंपनी (आईटीसी) के शेयर अपने 15 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। आईटीसी और अन्य सिगरेट कंपनियों की वजह से सोमवार को तेजी में रहा सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 300 अंक तक लुढ़क गया।
वहीं आईटीसी के शेयर गिरने से देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी समेत अन्य बीमा कंपनियों को 17 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। इसके अलावा विदेशी निवेशकों को भी 9 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। गौरतलब है कि एलआईसी समेत अन्य बीमा कंपनियों का आईटीसी में बड़ा स्टेक है।
इस बड़ी गिरावट से कंपनी को अकेले 45 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। कंपनी का एक शेयर इससे पहले 400 रुपये के स्तर पर था, जो कि 285 रुपये तक गिर सकता है। फिलहाल एनएसई में कंपनी का शेयर 11.01 फीसदी टूट गया, वहीं बीएसई में 11.05 फीसदी गिर गया है।
सरकार ने सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात से सिगरेट पर जीएसटी की दरों में बढ़ोतरी कर दी है। यानी जीएसटी लागू होने के बाद सिगरेट के मूल्य में जो कमी आई थी, वह मंगलवार से पूर्व की दरों पर ही बिकेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में सोमवार को जीएसटी परिषद की हुई 19वीं बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया।
परिषद की बैठक समाप्त होने के बाद जेटली ने बताया कि सिगरेट पर जीएसटी की दर 28 फीसदी और एड वोलेरम पांच फीसदी सेस बरकरार रहेगी। सिर्फ कंपनसेशन सेस में बढ़ोतरी की जा रही है जिससे पांच हजार करोड़ रुपये की कर वसूली बढ़ेगी।आईटीसी के अलावा अन्य सिगरेट कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिल रही है। इन कंपनियों के शेयर भी काफी नीचे आ गए हैं।