पूर्व मुख्यमंत्री ने कोटा के व्यापार एवं उद्योग की समस्याएं हल कराने का दिलाया भरोसा

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कोटा। कोटा व्यापार महासंघ के एक प्रतिनिधिमण्डल ने राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया से भेंट कर व्यापार एवं उद्योग जगत में आ रही समस्याओं से अवगत कराया। साथ ही वेस्ट से बनने वाले उत्पादनों को GST से मुक्त करने की मांग की।

कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं महासचिव अशोक माहेश्वरी ने पूर्व मुख्य्मंत्री को बताया कि वर्तमान में आर्थिक मंदी के चलते व्यापार -उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं । केन्द्र सरकार द्वारा जो बजट पास हुआ है, उसमें भी कई खामियां है। इनकम टेक्स में दो स्लेब करने का कोई फायदा नजर नहीं आ रहा हैं। नये स्लेब में छूट का कोई प्रावधान नहीं होने से जिसका कोई औचित्य नहीं है।

उन्होंने बताया कि GST में रिवाईज्ड रिटर्न का प्रावधान नहीं होने से व्यवहारियों को कई परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। मिसमेच की समस्या से भी दूसरी पार्टी द्वारा टेक्स नहीं देने पर उसकी भी जिम्मेदारी व्यापारी के ऊपर डाली जा रही है। जो न्याय संगत नहीं है। उन्होंने ऑनलाइन बाजार से खुदरा व्यापारियों को आ रही समस्याओं से भी अवगत कराया।

महासचिव माहेश्वरी ने कहा कि जब भी आपकी सरकार आयी तब व्यापार उद्यमियों को आयी समस्यायें जैसे-कोटा स्टोन पर टेक्स में कमी, राॅयल्टी, कोटा झालावाड़ मार्ग का निर्माण, होस्टलों काॅर्मशियल से आवासीय दर्जा दिलाने में आपकी अहम भूमिका रही है। आपने कोटा स्टोन को GST में 18 % से 5 % कराने में भी अहम भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि हाड़ौती का प्रमुख उद्योग कोटा एवं सेण्ड स्टोन जिसकी स्लेरी एवं वेस्ट एवं प्लास्टिक कचरे से यहां का पर्यावरण दूषित हो रहा था, जिसके चलते यहां के उद्यमियों ने इस वेस्ट का उपयोग करते हुये नई तकनीकी के उत्पाद जैसे-इन्टरलाॅकिंग, टाईल्स, ब्लाॅक आदि बनाने शुरू कर दिए, लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा इस पर 18% GST लगा रखा है। अतः वेस्ट मटेरियल से बनने वाले उत्पादनों को जनहित में मानते हुये इसे पूर्णतया GST मुक्त किया जाना चाहिये।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यभान सिंह ने कहा कि खनन उद्योग में 9 टन लदान का कानून पिछले 40 वर्षाे से लागू है। जबकि राजस्थान का 50 % खनन व्यवसाय है। इसकी वजह से व्यवसायी एवं ट्रांसपोर्टर को भारी परेशानी आती है। अतः खनन नीति में लोडिंग को 9 टन लदान से मुक्त किया जाना चाहिये

जैन व माहेश्वरी ने पूर्व मुख्यमंत्री को बताया कि 22 फरवरी को राजस्थान का बजट आने वाला है। उसमें वेट एवं सेल टेक्स के अभी तक के कई लम्बित मामले पड़े हुये है। उनको एमनेस्टी स्कीम के माध्यम से तुरन्त निस्तारण किया जाना चाहिये। वर्तमान में आयकर की ऑडिट सीमा 5 करोड़ है और GST में यह 2 करोड़ है। इसे भी 5 करोड़ किया जावे। साथ ही GST एवं आयकर की ऑडिट अलग अलग मानी जाती है उसे भी एक ही माना जाना चाहिये। पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिन्धिया ने व्यापार महासंघ को भरोसा दिलाया कि उनके द्वारा उठाई गई समस्याओं का निदान कर व्यापार -उद्योग जगत को राहत देने का प्रयास होगा।

प्रतिनिधिमण्डल में कोटा व्यापार महासंघ उपाध्यक्ष हरविन्दर सिंह, नन्द किशोर शर्मा, अनिमेष जैन, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार जैन, सचिव मुकेश भटनागर, रमेश आहूजा, यश मालवीया, कार्यकारिणी सदस्य-घींसा सिंह चौहान, राजेन्द्र जैन, राजेन्द्र चावला, कोटा रिजन ट्रेक्टर डीलर एसोसियेसन के अध्यक्ष अनिल मून्दड़ा, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष विपिन सूद, हाड़ौती कोटा स्टोन इण्डस्ट्रीज के संस्थापक अध्यक्ष राजेश गुप्ता सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।