संसद के मॉनसून सत्र में सरकार ग्रैच्युटी ऐक्ट में संशोधन कर टैक्स छूट को दोगुना कर सकती है।
नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सेशन की शुरुआत हो चुकी है। इस सत्र में भी सरकार कई अहम विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी। इनमें से एक ग्रैच्युटी ऐक्ट में संशोधन भी है। इसके तहत सरकार ग्रैच्युटी पर टैक्स छूट को दोगुना कर सकती है।
अब तक 10 लाख रुपये से अधिक राशि की ग्रैच्युटी पर टैक्स लगता रहा है, लेकिन अब ग्रैच्युटी पर छूट की सीमा को 20 लाख रुपये तक करने की तैयारी है। कैबिनेट ने इस साल 15 मार्च को ही इस फैसले को मंजूरी दी थी।
रिटायरमेंट के बाद नियोक्ता की ओर से एंप्लॉयी को ग्रैच्युटी की रकम दी जाती है। इसके अलावा कंपनियां 5 साल या उससे अधिक समय तक नौकरी करने पर भी एंप्लॉयीज को यह लाभ देती हैं।
मौजूदा पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी ऐक्ट, 1972 के तहत सरकारी एंप्लॉयीज को मिलने वाली ग्रैच्युटी की राशि पर टैक्स में छूट मिलती है यानि सरकारी कर्मचारियों को ग्रैच्युटी पर कोई टैक्स नहीं देना होता।
दूसरी तरफ गैर-सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर मिलने वाली ग्रैच्युटी की 10 लाख रुपये तक की राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता है, लेकिन इसके बाद टैक्स चुकाना होता है।
इन संस्थानों पर लागू है नियम
10 या उससे अधिक एंप्लॉयीज की संख्या वाले संस्थानों पर ग्रैच्युटी ऐक्ट लागू होता है। इस ऐक्ट के तहत यदि कोई संस्थान इस ऐक्ट के दायरे में एक बार आ जाता है तो एंप्लॉयीज की संख्या 10 से कम होने पर भी उस पर यह नियम लागू रहता है। यदि कोई संस्थान इसके अंतर्गत नहीं है तो वह अपने एंप्लॉयीज को एक्सग्रेशिया पेमेंट कर सकता है।
योग्यता
ऐक्ट के तहत कोई भी एंप्लॉयी लगातार 5 साल या फिर उससे अधिक वक्त तक संस्थान में काम करता है, तभी वह ग्रैच्युटी का हकदार है। हालांकि बीमारी, दुर्घटना, लेऑफ, स्ट्राइक या लॉकआउट की स्थिति में आए व्यवधान को इसमें नहीं जोड़ा जाता।
कब होती है ग्रैच्युटी की पेमेंट
आमतौर पर एंप्लॉयी के रिटायर होने पर ही ग्रैच्युटी ही पेमेंट की जाती है। हालांकि इसके अल्वा भी कुछ अन्य स्थितियों में कर्मचारी को ग्रैच्युटी का लाभ मिलता है। जैसे:
पेंशन की स्थिति में
- यदि वह संस्थान में 5 साल तक काम करने के बाद इस्तीफा देता है।
- यदि कोई एंप्लॉयी 5 साल पूरे नहीं कर पाता है और बीच में ही उसकी मृत्यु हो जाती है, तब भी उसके परिवार को ग्रैच्युटी की राशि मिलेगी।
- 5 साल का कार्यकाल पूरा न होने से पहले ही यदि वह हादसे के चलते अक्षम हो जाता है या फिर वह किसी बीमारी का शिकार हो जाता है, तब भी उसे ग्रैच्युटी का लाभ मिलेगा।