जयपुर। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा याेजना से आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने वाली सरकार लोगों को भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का ही लाभ नहीं दे पा रही है। स्थिति यह है कि 70 प्रतिशत निजी अस्पताल भामाशाह का इलाज बंद कर चुके हैं और एक फरवरी से सभी ने बंद का ऐलान कर रखा है। इसके बावजूद सरकार स्तर पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है।
हालांकि तीन दिन पहले एसीएस रोहित सिंह ने कहा था कि 27 जनवरी से अस्पतालों को पैसा भेजा जाएगा, लेकिन 28 जनवरी की शाम तक किसी भी अस्पताल को पैसा नहीं दिया गया। मालूम हो कि सरकारी और निजी अस्पतालों का 120 करोड़ रुपए तक कंपनी पर बकाया है।
आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत दिए जाने वाले लाभ की प्रक्रिया तो शुरू कर दी गई है लेकिन इन परिवारों के कार्ड कब तक बन पाएंगे, यह तय ही नहीं है। ऐसे में फरवरी माह से इस योजना के तहत इलाज दे पाना लगभग असंभव ही है।
जिस कंपनी को भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का काम दिया हुआ था, उसका दिसम्बर माह में टेंडर पूरा होना था। विभाग ने ना तो भामाशाह स्वास्थ्य बीमा याेजना के लिए नया टेंडर किया और ना ही आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए। जब दबाव आया तो विभाग के अधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि दिसम्बर माह के अंत तक आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इलाज देना शुरू हो जाएगा और नई कंपनी को काम भी दे देंगे। लेकिन विभाग के अधिकारी दोनों स्तरों पर ही फेल हो गए।