नई दिल्ली। 71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार शाम राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश गणतंत्र के लोगों से ही चलता है। भारत की शक्ति नागरिकों में ही निहित है। हम महात्मा गांधी के आदर्शों को मानते हुए लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध रहें, यही विकास का उत्तम मार्ग है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने विदेशों में रहते हुए न केवल वहां की प्रगति में योगदान दिया, बल्कि अपनी भारतीय संस्कृति को भी सहेजा है।
राष्ट्रपति ने कहा, ”हमने 26 जनवरी, 1950 को संविधान को अंगीकार किया था। तब से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं। व्यवस्था के तीन अंग- कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका हैं। ये सभी स्वायत्त होने के बावजूद एक-दूसरे से जुड़ी हैं। भारत की शक्ति इसके लोगों में ही निहित है।
हम महात्मा गांधी के आदर्शों को मानते हुए लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध रहें, यही विकास का उत्तम मार्ग है। हम देश के हर हिस्से के संपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। जम्मू-कश्मीर से लेकर हिंद महासागर के द्वीपों तक के विकास की योजना बनाई गई है।”
”देश के लिए आंतरिक सुरक्षा भी अहम है। इसके लिए नीति बनाई जा रही है। हमने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अहम मुकाम हासिल किया है। आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी जन स्वास्थ्य योजना बन गई है। जन औषधि योजना के लिए गुणवत्तापूर्ण जेनरिक दवाइयां मिलने से स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ है।”
”नालंदा सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय था। अब आधुनिक शिक्षा व्यवस्था का निर्माण हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। कोशिश है कि देश का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।”
”इसरो की टीम गगनयान मिशन पर आगे बढ़ रही है। हम सबको इसके और तेजी से आगे बढ़ने का इंतजार है। हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन करने वाले लोगों और हमारी बेटियों को बधाई देता हूं।”
गणतंत्र दिवस समारोह रविवार को राजपथ पर मनाया जाएगा। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। वे शुक्रवार को चार दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंच चुके हैं। 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था।