बेंगलुरु। सरकार ऐसे प्लंबर, इलेक्ट्रिशन और ब्यूटीशियन जैसे कामगारों को भी जल्द गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) नेटवर्क के दायरे में लाने पर विचार कर रही है, जो ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स पर लिस्टेड हैं। इसे गिग इकॉनमी वर्कर्स (स्वतंत्र रूप से काम करने वाले कामगार) को फॉर्मल वर्कफोर्स में लाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री ऐंड इंटर्नल ट्रेड (DPIIT) UrbanClap, HouseJoy और Bro4u जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस के लिए यह अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है कि वे ऐसे सर्विस प्रफेशनल्स को ही जोड़ सकते हैं जिनके पास जीएसटी नंबर है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने ET को यह जानकारी दी।
अधिकतर को नहीं देना होगा जीएसटी
हालांकि, ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स से जुड़े अधिकतर प्लंबर्स, इलेक्ट्रिशन, फिटनेस ट्रेनर्स की सालाना आमदनी 40 लाख रुपये से कम है और इसलिए उन्हें जीएसटी नहीं चुकाना होगा। माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम ऐसे प्रफेशनल्स का डेटाबेस तैयार करने के मकसद से भी उठाया है।
‘अभी सरकार के पास इनका डेटा नहीं’
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, ‘ये प्रफेशनल्स लोगों के घर जाते हैं और उनकी पहचान का हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। हो सकता है कि उन्हें जीएसटी नहीं देना पड़ा और तिमाही फाइलिंग की भी जरूरत ना हो, लेकिन यदि वे नेटवर्क पर रजिस्टर्ड हैं तो हम किसी अप्रिय घटना की स्थिति में खोजकर निकाल सकते हैं।’
कपंनियां रखेंगी पूरा हिसाब
अधिकारी ने यह भी बताया कि इन प्रफेशनल्स को जोड़ने वाली कंपनियों से कहा जाएगा कि वे उनके द्वारा किए गए सभी कामों का हिसाब रखें। UrbanClap ने इस मुद्दे पर अभी कॉमेंट करने से इनकार किया है, क्योंकि सरकार की ओर से आधिकारिक रूप में कुछ नहीं गया गया है। Housejoy और Bro4u के अधिकारियों ने अभी कोई जवाब नहीं दिया है।
‘अभी भी है वॉलेंटरी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था’
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘हम कई मुद्दों की पड़ताल कर रहे हैं, जैसे उपभोक्ता की सुरक्षा और इन वर्कर्स के अधिकारों की रक्षा। उन्होंने कहा, ‘आज भी वॉलेंटरी जीएसटी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है। इसलिए हम उन्हें कोई बड़ी चीज नहीं करने को कह रहे हैं।’