नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अब खुले बाजार में 110 रुपए कुंटल कम भाव पर गेहूं बेचेगा। एफसीआई के गोदामों में अभी 300 लाख टन से ज्यादा गेहूं पड़ा हुआ है और इस साल गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने की संभावना है। ऐसे में एफसीआई को अगले सीजन में गेहूं की खरीद के लिए अपना भंडार खाली करना होगा।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शुक्रवार को एफसीआई को जारी एक पत्र में ओपन मार्केट सेल्स स्कीम के तहत घरेलू बाजार में गेहूं की ब्रिकी के लिए रिजर्व प्राइस में संशोधन किया है। संशोधित दर के अनुसार, गेहूं की एफएक्यू क्वालिटी का रिजर्व प्राइस चालू विपणन वर्ष 2019-20 की बची हुई अवधि में 2,135 रुपए प्रति कुंटल होगा।
इससे पहले गेहूं का रिजर्व प्राइस चौथी तिमाही के लिए 2,245 रुपए प्रति कुंटल था। वहीं, अंडर रिलैक्स्ड स्पेशिफिकेशन यानी यूआरएस कैटेगरी के गेहूं का रिजर्व प्राइस 2,080 रुपए प्रति कुंटल होगा। कारोबारी सूत्रों ने बताया कि जहां गेहूं की क्वालिटी कमजोर है, वहां एफसीआई 2,080 रुपए प्रति कुंटल के भाव पर गेहूं बेचेगा। इसके अलावा, एफसीआई द्वारा रैक लोडिंग पर भी 26 रुपए प्रति कुंटल अतिरिक्त देना होगा।
बाजार भाव से ऊंचा है सरकारी भाव
महाराष्ट्र के जींस कारोबारी किरण कटकरे ने बताया कि सरकार द्वारा खुले बाजार में गेहूं की बिक्री का दाम अभी भी देश के विभिन्न हिस्सों में बाजार भाव से ऊंचा है। उन्होंने कहा कि 2,135 रुपए प्रति कुंटल के इस भाव पर 170 रुपए ढुलाई खर्च के बाद नासिक में कारोबारियों को एफसीआई का गेहूं 2,305 रुपए प्रति कुंटल पड़ेगा, जबकि उत्तर प्रदेश से इस समय 2,270 रुपए प्रति कुंटल के भाव से नासिक में गेहूं जा रहा है। एफसीआई के पास एक जनवरी, 2020 को 3,27.96 लाख टन गेहूं का भंडार था, जोकि पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 56.75 लाख टन ज्यादा है।
पीडीएस के तहत 20 लाख टन गेहूं की जरूरत
सरकार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस के लाभार्थियों को सस्ते दाम पर खाद्यान्न मुहैया करवाने के लिए हर महीने तकरीबन 20 लाख टन गेहूं की जरूरत होती है। ऐसे में जनवरी, फरवरी और मार्च के बाद भी एफसीआई के गोदामों में 250 लाख टन से ज्यादा गेहूं का भंडार बचा रहेगा।