कोटा। एसीबी विशिष्ट न्यायालय ने एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार खनिज अधीक्षण अभियंता की जमानत अर्जी खारिज कर दी। साथ ही आरोपी के घर से बरामद नकद राशि की एफडी न्यायालय के नाम से करवाने के आदेश दिए।
एसीबी न्यायालय के सहायक निदेशक अभियोजन अशोक कुमार जोशी ने बताया कि आरोपी खनिज अधीक्षण अभियंता ने अधिवक्ता के जरिए गुरुवार को जमानत अर्जी पेश की थी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सहायक निदेशक अभियोजन ने जमानत देने के विरोध में तर्क रखे। साथ ही कहा कि आरोपी के खिलाफ संगीन अपराध दर्ज है।
आरोपी के घर पर भारी मात्रा में राशि एवं चल अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले है। आरोपी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। ऐसे में उसे रिहा कर जाना उचित नहीं होगा।
एसीबी के विशिष्ट न्यायाधीश प्रमोद कुमार मलिक ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दस्तावेजों का अवलोकन करते हुए लिखा कि आरोपी द्वारा भ्रष्ट आचरण द्वारा अवैध रूप से अधिक चल-अचल संपत्ति अर्जित करना प्रथम दृष्टया पाया गया। आरोपी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज होकर भ्रष्टाचार के मामले में अनुसंधान अभी जारी है। जिससे देखते हुए जमानत पर रिहा किया जाना न्यायोचित नहीं होगा।
एसीबी बूंदी के उपाधीक्षक तरुण कांत सोमानी ने प्रार्थना पत्र पेश करते हुए कहा कि पन्नालाल को ट्रैप करने के बाद उसके घर की तलाशी में मिली 16,84,785 रुपए जप्त कर डबल लॉक में रखवा ही गई है। अदालत ने उक्त राशि की न्यायालय के नाम एफडीआर करवाने के आदेश दिए।