कोटा। जनता के राशन के रक्षक खुद ही भक्षक बन गए। सरकार में बैठे लुटेरों ने उस पर डाका डाल दिया। एसीबी ने जांच के बाद चार सरकारी अफसरों और उनके साथी सात राशन डीलरों के खिलाफ 6.5 करोड़ रुपये के राशन घोटाले में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। एसीबी की इस कार्यवाही के बाद रसद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
प्रकरण में एसीबी ने तत्कालीन DSO अशोक मीणा, रसद विभाग की प्रवर्तन अधिकारी संध्या सिन्हा, प्रवर्तन अधिकारी अमित शर्मा और अरविंद आचार्य सहित 7 राशन डीलर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामला 24 मई 2018 का है जब कोटा एसीबी ने एक शिकायत पर कार्यवाही करते हुए आकस्मिक चैकिंग की थी जिसमे एसीबी ने रसद विभाग का रिकॉर्ड जब्त किया था।
प्रकरण में जांच के दौरान एसीबी के सामने बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए है। एसीबी कोटा एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि कुल 44920 क्विंटल गेंहू को बाहर इन अधिकरियों ने राशन डीलर्स के साथ मिलकर खुर्द बुर्द कर दिया। गेंहू की इस कालाबाजारी से जहां सरकार को लगभग 6.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ वहीं सैकड़ों गरीबों के हक पर भी डाका है।
एसीबी ने सितंबर 16 से मई 2017 तक कुल 9 महीने के रिकॉर्ड की जांच की थी जिसमे इस फर्जीवाड़े का आंकड़ा 6.5 करोड़ तक जा पहुंचा है। एडिशनल एसपी चंद्रशील ने बताया कि एसीबी को जांच के दौरान रिकॉर्ड में भारी हेरा फेरी नजर आयी है। लगभग 4 लाख 48 हजार 920 क्विंटल गेंहू चुनिंदा दलाल राशन डीलर्स को ज्यादा दिया गया, जबकि इसकी एंट्री ना तो मशीन में थी, ना ही किसी रिकॉर्ड में की गयी।
डीलर्स को दिए गए राशन कार्डों की तय मात्रा से कई गुना ज्यादा मात्रा में गेंहू इनको कागजों में बांट दिया गया था। अब एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी के निर्देश पर इन कालाबाजारी में लिप्त सरकारी अफसरों और राशन डीलर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।