टैक्स रिटर्न फॉर्म (आईटीआर 2) में एक नया प्रावधान जोड़ा है। इस नए प्रावधान के तहत अप्रवासी भारतीयों को देश के बाहर के बैंक खातों का ब्यौरा देना ही होगा।
नई दिल्ली । अब आयकर विभाग की नजर में अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) के विदेशी खातों पर है। दशकों से काफी सारे भारतीय 182 दिन देश से बाहर रहकर अपने आप को अप्रवासी और विदेश में जमा धन को वैध साबित करते आए हैं। हालांकि अब ऐसे लोगों के लिए टैक्स देने से बचना आसान नहीं होगा।
एक अनिवासी भारतीय या एनआरआई होने की स्थिति में लोगों को विदेशी बैंक खातों में धन को विदेश में अर्जित वैध आय के रूप में पेश करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब से ऐसा करना आसान नहीं होगा।
कुछ दिन पहले ही आयकर अधिकारियों ने टैक्स रिटर्न फॉर्म (आईटीआर 2) में एक नया प्रावधान जोड़ा है। इस नए प्रावधान के तहत अप्रवासी भारतीयों को देश के बाहर के बैंक खातों का ब्यौरा देना ही होगा।
काफी सारे एनआरआई जो कई वर्षों से बाहर हैं वो भी भारत में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं क्योंकि उन्हें स्टॉक, प्रॉपर्टी और फिक्स्ड इनकम वाले इंस्ट्रूमेंट जैसे कि बॉन्ड और बैंक डिपॉजिट से आय प्राप्त होती है।
ऐसो लोगों को अब क्या करना होगा:
इस साल की शुरुआत से ही ऐसे लोगों को अपने विदेशी बैंक खातों के नंबर, बैंकों के नाम, उन देशों के नाम जहां बैंक कार्यालय स्थित हैं की जानकारी साझा करनी होगी।
साथ ही उन्हें स्विफ्ट कोड और इंटरनेशनल बैंक खाता नंबर (आईबीएएन) भी साझा करने होंगे। स्विफ्ट कोड बैंक की पहचान करने में मदद करता है, जबकि आईबीएएन एक अतिरिक्त नंबर है जो इंटरनेशनल पेमेंट करने या प्राप्त करने के लिए होता है।