पहली बार सेक्स करने का एक्सपीरियंस हर किसी का अलग-अलग होता है। कुछ लोगों के लिए जहां अपनी वर्जिनिटी खोना बहुत बड़ी बात होती है, वहीं दूसरे लोगों के लिए ये कोई बड़ी बात नहीं होती और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनका पार्टनर वर्जिन है या नहीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फर्स्ट टाइम सेक्स करने के बाद आपके शरीर में किस तरह का बदलाव होता है, यहां जानें…
जरूरी नहीं कि ब्लीडिंग हो
ज्यादातर लोगों के मन में ये कॉन्सेप्ट होता है कि फर्स्ट टाइम सेक्स करने के दौरान फीमेल पार्टनर का ब्लीड करना जरूरी है क्योंकि यही इस बात का सबूत है कि आपकी पार्टनर वर्जिन है। यह बातें इसलिए कही जाती हैं क्योंकि पहली बार इंटरकोर्स के दौरान जब हाइमन टूटता है तो खून निकल सकता है। लेकिन यह हाइमन सिर्फ सेक्स की वजह से ही टूटता है ऐसा नहीं है। कई बार साइक्लिंग, स्वीमिंग या कोई और भारी काम करने के दौरान भी हाइमन ब्रेक हो जाता है। इसलिए फर्स्ट टाइम सेक्स के दौरान ब्लीडिंग हो ही ऐसा जरूरी नहीं है।
वजाइना में होने वाले बदलाव
ज्यादातर लड़कियों और महिलाओं के मन में ये मिथक होता है कि सेक्स करने के बाद वजाइना की इलास्टिसिटी बदल जाती है और ज्यादा सेक्स करने पर वजाइना लूज हो जाता है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। हां, चूंकि आपने शरीर में ये नई ऐक्टिविटी शामिल की है इसलिए वजाइना को पेनिट्रेशन की आदत पड़ने में थोड़ा वक्त लगता है और यह समय के साथ बेहतर होता जाता है। सेक्स के साथ ही वजाइना का लुब्रिकेशन का तरीका भी बदलने लगता है।
ब्रेस्ट में होने वाले बदलाव
पहली बार सेक्स करने के बाद कुछ फीमेल्स को ब्रेस्ट में सूजन महसूस हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सेक्स के दौरान जब आप उत्तेजना महसूस करती हैं तो ब्रेस्ट में ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है जिससे ब्रेस्ट के टीशू सूज जाते हैं। यह एक अस्थायी बदलाव है।
निपल्स में भी होता है बदलाव
सेक्शुअल अराउजल यानी सेक्स के दौरान उत्तेजित होने के दौरान ब्रेस्ट के साथ-साथ निपल्स में भी ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है जिसे आपका निपल्स आम दिनों से ज्यादा सेंसेटिव महसूस होने लगता है। हालांकि ब्रेस्ट की ही तरह निपल्स में होने वाला यह चेंज भी एक अस्थायी बदलाव है जो उत्तेजना खत्म होने पर वापस सामान्य हो जाता है।
पीनिस में हो सकती है खुजली
पहली बार वजाइनल सेक्स करने के बाद बहुत से पुरुषों को पीनिस में इरिटेशन यानी खुजली-जलन महसूस हो सकती है। ऐसा, वजाइना के साथ पीनिस में होने वाले फ्रिक्शन की वजह से होता है। हालांकि लुब्रिकेशन का इस्तेमाल कर इस समस्या से बचा जा सकता है।