नई दिल्ली। देश में बढ़ती बैंकिंग गतिविधियों को डिजिटलाइज करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत आरबीआई देश के सभी जिलों को बैंकिंग सेवाओं के लिए 100 फीसदी डिजिटाइज्ड करेगा। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट जल्द शुरू होगा। आरबीआई ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद जारी डवलपमेंट एंड रेगुलेटरी पॉलिसी में इसकी रूपरेखा पेश की है।
आरबीआई की ओर से जारी पॉलिसी में कहा गया है कि डिजिटल पेमेंट के विस्तार को देखते हुए देश में डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम बनाने का फैसला किया गया है। इसके तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय बैंकर्स कमेटी अपने-अपने राज्यों में बैंक और संबंधित स्टेकहोल्डर्स से बातचीत के बाद एक जिले का चयन करेंगी।
इस जिले को बैंकिंग सेवाओं के लिए 100 फीसदी डिजिटाइज्ड बनाने के लिए एक बैंक को सौंप दिया जाएगा। यह बैंक सुनिश्चित करेगा कि चयनित जिले का हर व्यक्ति सुरक्षित, जल्दी, सस्ती और सुविधाजनक तरीके से बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल कर सके। आरबीआई का कहना है कि इस संबंध में जल्द ही विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी जाएंगी।
आरबीआई ने अपनी डवलपमेंट एंड रेगुलेटरी पॉलिसी में कहा है कि देश में इस समय विभिन्न प्रकार के डेबिट-क्रेडिट कार्ड तेजी से जारी हो रहे हैं। ऐसे में देश में कार्ड ऐक्सैप्टैंस इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की जरूरत है। खासतौर पर टियर-3 और टियर-4 जैसे शहरों में इसकी जरूरत है।
आरबीआई का कहना है कि इन क्षेत्रों में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए देश में ऐक्सैप्टैंस डवलपमेंट फंड (एडीएफ) के गठन का फैसला किया गया है। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई के पेमेंट सिस्टम विजन डॉक्यूमेंट 2021 में भी डिजिटलाइजेशन की सिफारिश की गई है। दिसंबर 2019 में फ्रेमवर्क लागू हो जाएंगे।