पहले पांच महीने में 5.54 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचा वित्तीय घाटा

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नई दिल्ली। सरकार चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 2.68 लाख करोड़ रुपए बाजार से जुटाएगी। उसने पहली तिमाही में 4.42 लाख करोड़ रुपए जुटाए तथा चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीने में उसका वित्तीय घाटा 5.54 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है जो बजट अनुमान के कुल घाटा का 78.7 प्रतिशत है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 7.10 लाख करोड़ रुपए बाजार से जुटाने की योजना बनाई गई थी जिसमें से अब तक 4.42 लाख करोड़ रुपए जुटाए जा चुके हैं। शेष 2.68 लाख करोड़ रुपए 01 अक्टूबर से 31 मार्च 2020 के बीच जुटाए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने रिजर्व बैंक के साथ सलाह मशविरा कर बाजार से साप्ताहिक आधार पर राशि जुटाने का कैलेंडर तैयार किया है।

इस बीच सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त तक वित्तीय घाटा 5.54 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया जो चालू वित्त वर्ष में कुल राजस्व घाटा के बजट अनुमान का 78.7 प्रतिशत है। वित्त वर्ष के पहले पांच महीने में अगस्त तक सरकार की राजस्व प्राप्तियां और व्यय में 5.91 लाख करोड़ रुपए का अंतर था जो बजट अनुमान का 94.7 प्रतिशत है।

7.03 लाख करोड़ रुपए का वित्तीय घाटे का था अनुमान
सरकार ने बजट में वित्तीय घाटा 7.03 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया था और इसके लिए बाजार से 7.10 लाख करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई थी। वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत है। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीने में सरकार का व्यय 11.75 लाख करोड़ रुपए रहा है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 10.71 लाख करोड़ रुपए के व्यय की तुलना में 9.75 प्रतिशत अधिक है।

इस दौरान सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियां 6,21,461 करोड़ रुपए रही। इसमें कर राजस्व 4,04,580 करोड़ रुपए, 1,98,621 करोड़ रुपए गैर-कर राजस्व और 18,260 करोड़ रुपए गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां हैं। गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों में 5,902 करोड़ रुपए ऋण वसूली से और 12,538 करोड़ रुपए विनिवेश से आया है।

पांच महीने में राज्यों को 2,55,605 करोड़ रुपए का हस्तांतरण
पांच महीने केन्द्र ने राज्यों को 2,55,605 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए हैं जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11,697 करोड़ रुपए कम है। प्रमुख सब्सिडियों के भुगतान में 1,89,527 करोड़ रुपए व्यय हुआ है।

उधर रिजर्व बैंक ने चालू खाता घाटा का आंकड़ा भी जारी किया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में चालू खाता घाटा 14.3 अरब डॉलर रहा है जो सकल घरेलू उत्पाद का दो प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह घाटा जीडीपी का 2.3 प्रतिशत रहा था। हालांकि, मार्च में समाप्त तिमाही की तुलना में यह घाटा 4.6 अरब डॉलर बढ़ गया है।