नई दिल्ली। मंगलवार से देशभर में कई नियम बदलने वाले हैं। इनके बदलने से देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आपकी जेब पर भी सीधा असर होगा। कुछ क्षेत्रों में जहां राहत मिलेगी तो वहीं, कुछ में आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ जाएगा। आइये जानते हैं उन बदलावों के बारे में जो आपसे सीधे जुड़े हैं।
पेट्रोल-डीजल पर नहीं मिलेगा कैशबैक
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसीबीआई) के क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल और डीजल की खरीददारी पर अब आपको कैशबैक नहीं मिलेगा। पहली अक्टूबर से बंद हो रही इस सुविधा के बारे में एसबीआई अपने ग्राहकों को मैसेजों के जरिए सूचित कर रहा है। अभी तक एसबीआई के क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल और डीजल की खरीदारी पर ग्राहकों को 0.75 फीसदी तक कैशबैक का लाभ मिल जाता था। बताया जाता है कि एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी ने कैशबैक योजना को वापस लेने का सुझाव दिया था जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।
SBI इस बदलाव से फायदे में आप
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) 01 अक्टूबर से निर्धारित मंथली एवरेज बैलेंस को नहीं बनाए रखने पर लगने वाले जुर्माने में 80 फीसदी तक कमी करने जा रहा है। इससे आप सीधे प्रभावित होंगे। यदि आप मेट्रो सिटी में रहते हैं और SBI के खाता धारक हैं तो आपके खाते में 01 अक्टूबर से मंथली एवरेज बैलेंस (एएमबी) की सीमा को तीन हजार रुपये बनाए रखना होगा। शहरी इलाके की एसबीआई बैंक शाखाओं पर भी ये नियम लागू होंगे। खाते में निर्धारित रकम से यदि बैलेंस 75 फीसदी से कम रहता है तो जुर्माने के तौर पर 80 रुपये प्लस GST देना होगा। खाते में 50 से 75 फीसदी तक बैलेंस रखने वालों को 12 रुपये और GST देना होगा। 50 फीसद से कम बैलेंस होने पर 10 रुपये जुर्माना प्लस GST अदा करना होगा।
बदल जाएगा Driving Licence और RC
देश में पहली सितंबर, 2019 से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हुआ है जिसके बाद ट्रैफिक नियमों में आमूलचूल बदलाव देखे जा रहे हैं। अब आपका ड्राइविंग लाइसेंस (DL) भी बदलने वाला है। सरकार Driving Licence और RC से जुड़े नियमों में बदलाव कर रही है। ये नियम 01 अक्टूबर, 2019 से लागू होंगे। इन नियमों के लागू हो जाने के बाद सभी लोगों को अपना डीएल बदलवाना पड़ेगा। नए नियमों के अनुसार, अब डीएल और आरसी पंजीकरण प्रमाण-पत्र एक ही रंग के हो जाएंगे। यही नहीं अब ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी में माइक्रोचिप के अलावा क्यूआर कोड होंगे।
कम हो जाएगी जीएसटी दर
जीएसटी काउंसिल की गोवा में 20 सितंबर को हुई 37वीं बैठक में कई वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है। 01 अक्टूबर 2019 से ये नियम प्रभावी हो जाएंगे। नए बदलावों के अनुसार, अब 1000 रुपए तक के किराए वाले होटलों पर टैक्स नहीं लगेगा। यही नहीं 7500 रुपए तक टैरिफ वाले कमरे के किराए पर केवल 12 फीसदी जीएसटी देना होगा। छोटे वाहन मालिकों को राहत दी गई है और 10 से 13 सीटों तक के पेट्रोल और डीजल वाले वाहनों से सेस घटा दिया गया है। स्लाइड फास्टनर्स (जिप) पर जीएसटी 12 फीसदी कर दिया है।
जीएसटी रिटर्न का नया तरीका होगा लागू
जीएसटी काउंसिल के फैसले के मुताबिक, पांच करोड़ सालाना से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए जीएसटी रिटर्न का फॉर्म कल से बदल जाएगा। इन कारोबारियों को जीएटी एएनएक्स-1 फॉर्म भरना होगा जो जीएसटीआर-1 की जगह लेगा, यह अनिवार्य होगा। छोटे कारोबारियों के लिए इसी फॉर्म के जरिए जीएसटी रिटर्न फाइल करना होगा, लेकिन उनके लिए ऐसा करना 01 जनवरी 2020 से अनिवार्य होगा। फिलहाल, बड़े करदाता अक्टूबर और नवंबर का जीएसटी रिटर्न जीएसटीआर 3बी फॉर्म से भरेंगे।
बदल जाएगी पेंशन पॉलिसी
केंद्र सरकार 01 अक्टूबर से कर्मचारियों के पेंशन पॉलिसी में भी बदलाव करने जा रही है। नए नियम के तहत यदि किसी कर्मचारी की नौकरी के सात साल पूरे होने के बाद मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को बढ़ी हुई पेंशन का फायदा मिलेगा। अभी तक ऐसी स्थिति में आखिरी वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से ही पेंशन मिलती थी। नए नियम को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। सरकार के इस फैसले को कर्मचारियों के हित में बड़ा कदम माना जा रहा है।
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती
बीते 20 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती की घोषणा करते हुए इसको 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया था। घोषणा के मुताबिक, 01 अक्टूबर 2019 के बाद मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पास 15 फीसदी टैक्स भरने का विकल्प होगा। इसके बाद कंपनियों पर सरचार्ज और टैक्स समेत कुल चार्ज 17.01 फीसदी हो जाएगा। इसके पहले भारतीय कंपनियों को 30 फीसदी टैक्स के अलावा सरचार्ज भी देना पड़ता था। विदेशी कंपनियों को 40 फीसदी टैक्स देना पड़ता था। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से कारोबार में तेजी आएगी और आर्थिक सुस्ती से उबरने में मदद मिलेगी।
प्लास्टिक पर बैन भी
नए बदलावों का असर रेल भाड़े पर भी पड़ सकता है। सरकार ने सवारी डिब्बे और वैगन पर जीएसटी की दर को पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया है। इस पर 18 फीसदी जीएसटी थी जिसे बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया है। इसमें टैक्स के अलावा 12 फीसदी का अतिरिक्त सेस भी लगाया गया है। यही नहीं दो अक्टूबर से सरकार देशभर में प्लास्टिक से बने प्रोडक्ट के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की तैयारी में है। भारत में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इस कदम को उठाया गया है।