पीएम मोदी को मिला ग्लोबल गोल कीपर्स अवॉर्ड, जानिए क्या है यह पुरस्कार

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    नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी को न्यू यॉर्क में आज ग्लोबल गोलकीपर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इस मौके पर बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के को-चेयरमैन बिल गेट्स ने भारत में स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए मोदी सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा, बिल गेट्स ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014-15 में स्वच्छ भारत मिशन लॉन्च किया। इससे पहले सरकार ने आंकड़ा जुटाया कि 50 करोड़ से ज्यादा लोग खुले में शौच कर रहे हैं, लेकिन सरकार के प्रयासों की बदौलत आज सिर्फ 5 साल बाद भारत की विशाल आबादी को सुरक्षित शौचालय उपलब्ध हो गया है।’

    स्वच्छता अभियान के लिए सम्मान
    गौरतलब है कि मोदी को स्वच्छ भारत मिशन में उनके नेतृत्व के लिए सम्मानित किया गया है, जिसे उन्होंने 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया था। महत्वाकांक्षी मिशन का लक्ष्य देशभर में स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इस मिशन का उद्देश्य महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि स्वरूप देश में सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज को हासिल करने के प्रयासों में तेजी लाना है।

    2 अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच को खत्म करने के लिए अब तक 9 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं और वर्तमान में ग्रामीण स्वच्छता कवरेज भारत के 98 प्रतिशत गांवों तक पहुंच गया है, जो चार साल पहले तक महज 38 प्रतिशत ही था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 36 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में अब 27 खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।

    किसे मिलता है यह अवॉर्ड
    फाउंडेशन ने 2019 के ग्लोबल गोलकीपर्स अवॉर्ड के लिए पीएम मोदी के चुनाव का ऐलान करते हुए कहा था, ‘हम मोदी को भारत में 50 करोड़ से अधिक लोगों को स्वच्छता प्रदान करने के लिए अपना ऐनुअल गोलकीपर्स ग्लोबल गोल्स पुरस्कार प्रदान करेंगे।’ फाउंडेशन के अनुसार इस पुरस्कार का उद्देश्य ऐसे राजनीतिक नेता को विशेष सम्मान प्रदान करना है, जिन्होंने अपने देश में या विश्व स्तर पर प्रभावशाली कार्यों के माध्यम से ग्लोबल गोल्स के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

    दुनिया के लिए उदाहरण है स्वच्छ भारत मिशन: फाउंडेशन
    फाउंडेशन ने बयान में कहा गया, ‘स्वच्छ भारत मिशन दुनिया भर के अन्य देशों के लिए एक उदाहरण के तौर पर काम कर सकता है, जिन्हें दुनियाभर में गरीब लोगों के लिए स्वच्छता में सुधार करने की तत्काल आवश्यकता है।’ गेट्स फाउंडेशन के बयान में कहा गया, ‘हम उन विशिष्ट मुद्दों पर काम करते हैं, जहां हमें लगता है कि हम दुनिया के सबसे गरीब लोगों के जीवन में सबसे अधिक बदलाव ला सकते हैं।’