GDP ग्रोथ दूसरी छमाही में 7.5% से ज्यादा रहेगी: राजीव

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नई दिल्ली। पिछले हफ्ते घोषित 1.45 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज से इकनॉमिक स्लोडाउन को खत्म करने और कंजम्पशन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने सोमवार को यह दावा करते हुए कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जीडीपी ग्रोथ रिबाउंड होकर 7.5% से ज्यादा हो सकती है।

इंटरव्यू में कुमार ने कहा, ‘इस राहत पैकेज से निवेशकों में आक्रामकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस साहसिक कदम ने अर्थव्यवस्था के लिए 8% से ऊंची ग्रोथ हासिल करने का आधार बना दिया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2020 की दूसरी छमाही (अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक) में जीडीपी ग्रोथ 7.5% से ज्यादा हो जाएगी।’

जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ छह साल के निचले स्तर 5% पर आ गई थी। इसे देखते हुए सरकार ने पिछले हफ्ते कॉरपोरेट टैक्स के रेट में कटौती करने सहित कई तरह के उपाय किए थे। कुमार ने कहा, ‘कंजम्पशन सहज रूप में आर्थिक वृद्धि दर और उसके पूर्वानुमान से जुड़ा है। शुक्रवार को घोषित राहत पैकेज से दोनों को बड़ा सपोर्ट मिलेगा।’

फिस्कल डेफिसिट टारगेट हासिल करने में चूक जाने की आशंकाओं को विराम देने की कोशिश में नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि रेट कट से ऐसा होने के बजाय जीडीपी ग्रोथ में अनुमान के मुताबिक तेजी आने पर टैक्स कंप्लायंस को लेकर कंपनियों की तरफ से बढ़े उत्साह के साथ काम होगा।

कुमार ने कहा, ‘सरकारी खर्च में अनुशासन बनाए रखने को लेकर प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को देखते हुए मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में लक्ष्य से ज्यादा नॉन टैक्स रेवेन्यू जुटाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।’ इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट बढ़कर जीडीपी के 4% तक जा सकता है जिसे बजट में जीडीपी के 3.3% तक सीमित रखने का टारगेट तय किया गया था।

कुमार के मुताबिक सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों से कंपनियों को अपना कारोबार इंडिया लाने के लिए बढ़ावा मिलेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह सब दूसरे कई फैक्टर्स पर निर्भर करेगा जिनके आधार पर भारत विदेशी निवेश आकर्षित करने की कोशिश में दूसरे देशों से प्रतिस्पर्धा कर रहा है।