कोटा। मध्यप्रदेश में हो रही भारी बारिश से चम्बल नदी के सबसे बड़े बांध गांधी सागर में लगातार पानी की आवक हो रही है। रविवार को गांधी सागर से 6.62 लाख क्यूसेक पानी छोडऩे से कोटा बैराज के सभी 19 गेट खोलकर 6.70 लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। इस कारण चम्बल नदी के डाउन स्ट्रीम की एक दर्जन से अधिक बस्तियां जलमग्न हो गई है। बस्तियों की स्थिति यह है कि 10 से 15 फीट पानी भर गया है।
25 हजार से अधिक मकान बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। बैराज से अत्यंधिक पानी छोड़े जाने से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सेना को बुलाया गया है। कोटा बैराज क्षेत्र को हाई रिस्क जोन घोषित कर दिया है। बैराज की निकासी की कुल क्षमता से करीब सवा लाख क्यूसेक पानी अधिक छोड़ा जा रहा है। बैराज के समानांतर पुल को भी आवागमन के लिए बंद कर दिया है।
पिछले तीन दिन से गांधी सागर से लगातार पानी छोडऩे जाने के बाद चम्बल नदी के नीचले इलाके में बाढ़ आ गई है। रविवार सुबह बैराज से पौने सात लाख क्यूसेक पानी छोडऩे के बाद पानी ने सीमाएं लांघ ली है और शहर के कई इलाकों को चपेट में ले लिया है। जिन बस्तियों में पानी भर गया है, वहां रविवार सुबह से एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, आरएसी की तीन बटालियन, नगर निगम व स्वयंसेवी संस्थाएं रेस्क्यू कर लोगों को नाव के जरिये सुरक्षित निकाला जा रहा है।
नगर निगम की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बार-बार मुनादी के बाद भी लोग घर छोडऩे को तैयार नहीं हुए थे तो पुलिस ने आपदा प्रबंधन की टीमों के साथ जाकर सख्ती से लोगों को निकाला। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। हालांकि अभी प्रशासन ने नुकसान और खराबे का सर्वे शुरू नहीं किया है।
इन बस्तियों में बुरे हाल
कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से भट्टजी घाट के नीचे क्षेत्र में, नयापुरा हरिजन बस्ती, रोडवेज बस स्टैण्ड, बापू बस्ती, बालिता रोड, खण्ड गांवड़ी, सिविल लाइन, हनुमानगढ़ी, नयापरा खाई रोड, करबला, नंदा की बाड़ी, रंगपुरा रोड, रोटेदा आदि क्षेत्रों में 10 से 15 फीट पानी भरा हुआ है। रोडवेज के पुराने बस स्टैण्ड में सात से दस फीट पानी भरा हुआ था। यहां कुछ लोग तैरने का आनंद ले रहे थे। बस स्टैण्ड चौकी डुब चुकी है।