कोटा। श्री कर्मयोगी सेवा संस्थान की ओर से नयापुरा बस स्टैण्ड स्थित संस्थान के मुख्यालय पर गुरुवार को पीले चावल से निर्मित 4 फीट की प्रतिमा की पूर्ण विधि विधान से स्थापना की गई है। संस्थान के संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि प्रतिमा को 16 किलो पीले चावल से निर्मित कराया गया है।
उन्होंने बताया कि श्री कर्मयोगी सेवा संस्थान के द्वारा इस वर्ष शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित गणेश पांडालों पर पीले चावल देकर आयोजकों से इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा ही विसर्जित करने की अपील करेगा। रासायनिक रंगों से निर्मित पीओपी की गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के कारण निरंतर जल प्रदूषण बढ रहा है। जलीय जीवों को भारी क्षति पहुंच रही है।
ऐसे में, प्रतिमा विसर्जनकर्ताओं में इकोफ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं के प्रति आकर्षण पैदा कर जागरूकता लाना आवश्यक हो गया है। संस्थान परिवार का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 8 सितंबर से अनंत चतुर्थी महोत्सव तक जनजागरण अभियान चलाएगा।
इसके लिए संस्थान द्वारा जारी फोल्डर एवं पीले चावल का वितरण राजाराम जैन कर्मयोगी, अलका जैन कर्मयोगी के नेतृत्व में शहर के विभिन्न गणेश पंडालों पर संपर्क कर आयोजकों से अपील करेगा।
जैविक खाद के उपयोग का संदेश दे रही गोबर गणेश की प्रतिमा
श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर बालाजी मार्ग डडवाड़ा पर ईको फ्रेंडली गोबर गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है। मंदिर समिति के अध्यक्ष भुवनेश खंगार ने बताया कि पर्यावरण की रक्षा के लिए गाय के गोबर से निर्मित भगवान गणेश की प्रतिमा निर्मित की गई है।
उन्होंने बताया कि खेतों में बढ़ते रासायनिक उपयोग के दुष्परिणाम बताने के लिए कोटा भीमगंजमंडी क्षेत्र के बालाजी मार्ग डडवाडा में स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में गाय के गोबर ओर मिट्टी से निर्मित 8 फीट के गोबर गणेश स्थापित किए गए हैं। प्रतिमा के द्वारा खेतों में बढ़ते रसायनों के इस्तेमाल को रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
प्रतिमा के द्वारा खेतों में रासायनिक जहर से बचाने के लिए जैविक खाद के प्रयोग का संदेश दिया जा रहा है। मंदिर के अध्यक्ष भुवनेश खंगार ने बताया कि पूर्व में भी मंदिर में चन्दन की गणेश प्रतिमा और मखाने के गणेश जी की स्थापना की गई थी।