नई दिल्ली। इकॉनमी में आई मंदी के दौर में सरकार का पूरा जोर महंगाई, खासकर फूड आइटम्स की कीमतों पर अंकुश लगाने पर है। सरकार इस कोशिश में है कि खाद्य पदार्थों की सप्लाई में कोई कमी न आए। इसके लिए सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम (एसेंशियल कमॉडिटी ऐक्ट) में बदलाव की तैयारी कर रही है। स्टॉक लिमिट के नियमों में भी बदलाव होगा। इससे आम आदमी के साथ किसानों को भी फायदा होगा।
सूत्रों के अनुसार आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) सिर्फ अकाल और युद्ध के समय लागू होगा। जरूरी चीजों की कीमतें अगर बढ़ी तो फिर स्टॉक लिमिट खुद ही लागू हो जाएगी। स्टॉक लिमिट का मतलब है कि सरकार की ओर से किसी भी प्रॉडक्ट के लिए तय की गई लिमिट से ज्यादा कोई किसी आइटम का स्टॉक नहीं रख पाएगा।
ऐसे में ज्यादा स्टॉक मार्केट में उतारना पड़ेगा। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार इससे संबंधित ड्राफ्ट फाइनल हो चुका है। पीएमओ से मंजूरी मिलने के बाद इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार जीडीपी ग्रोथ रेट में कमी आने के बाद सरकार महंगाई के मोर्चे पर लोगों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। खासतौर पर खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ने के मामले में वह कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। सरकार को आशंका है कि अगर दाल और सब्जियों की कीमत बढ़ी तो निश्चित रूप से लोग काफी परेशान हो जाएंगे।
सरकार की पूरी कोशिश होगी कि खाद्य पदार्थों की कीमतें तर्कसंगत स्तर पर कायम रहें। इससे खाद्य पदार्थों की जमाखोरी भी रुकेगी, जिससे एक सीमा से ज्यादा इन प्रॉडक्ट्स का भंडारण कोई कर न पाए तथा खाद्य वस्तुओं की सप्लाई चेन बाधित न हो।