भ्रष्टाचार के आरोप में कस्टम विभाग के 22 अधिकारी जबरन सेवानिवृत्त

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नई दिल्ली। भ्रष्ट अधिकारियों को बाहर करने की मुहिम में जुटा सेंट्रल बोर्ड और इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स विभाग (सीबीआईसी) ने अब एक बार फिर 22 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी है। इन सभी अधिकारियों को जनहित में नियम 56-जे के तहत रिटायरमेंट दी गई है। इन सभी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार समेत कई अन्य तरह के आरोप थे।

जिनको जबरन रिटायर किया गया है उनमें सुपरिटेंडेंट और एओ रैंक के अधिकारी शामिल हैं। इन अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई में भी मामले दर्ज हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर सरकार ने इसी साल से भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों को हटाने की मुहिम शुरू की है।

इसी साल 11 जून को भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार के आरोप में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टेक्सैज (सीबीडीटी) आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

यह सभी अधिकारी कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नन रैंक के थे। इनमें कई अधिकारियों को रिश्वत लेने के अलावा यौन शोषण के भी आरोप थे। इसके बाद भारतीय राजस्व सेवा (सीमा कर और केंद्रीय उत्पाद कर) के 15 अधिकारियों को रिटायर किया गया था।