नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह विदेशी बाजार से मिलने वाले संकेतों के साथ-साथ देशी, प्रमुख कंपनियों के वित्तीय नतीजों, मानसून की प्रगति की रिपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव और डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल से दिशा मिलेगी।
हालांकि, सप्ताह के दौरान फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के अनुबंधों की समाप्ति को लेकर कारोबारी अगले महीने के एफएंडओ अनुबंधों में अपनी पोजीशन बनाएंगे जिससे बाजार में उठापटक का दौर देखने को मिल सकता है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीओ)और घरेलू संस्थागत निवेशकों की निवेश के प्रति दिलचस्पी पर बाजार की निगाहें टिकी रहेंगी क्योंकि एफपीओ की बिकवाली बढ़ने से पिछले सप्ताह दलाल स्ट्रीट पर मायूसी का माहौल रहा।
घरेलू शेयर बाजार में बीते सप्ताह के आखिर में भारी गिरावट के बाद इस सप्ताह की शुरुआत में बाजार में रिकवरी देखने को मिल सकती है क्योंकि पिछले सप्ताह रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक के वित्तीय नतीजों पर बाजार की प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के समेकित निवल लाभ में वित्तवर्ष 2019-20 की पहली तिमाही के दौरान पिछले साल के मुकाबले 6.8 फीसदी का इजाफा हुआ। आरआईएल ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अपना समेकित राजस्व 1,72,956 करोड़ रुपए बताया है जो कि पिछले साल की इसी अवधि के राजस्व 1,41,699 करोड़ रुपए से 22.1 फीसदी अधिक है।
एचडीएफसी बैंक ने शनिवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसका निवल मुनाफा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 21 फीसदी बढ़कर 5,568.2 करोड़ रुपए हो गया।
इन कंपनियों के आएंगे नतीजे
सप्ताह के दौरान जारी होने वाले कई प्रमुख कंपनियों के वित्तीय नतीजों पर भी बाजार की नजर होगी। कारोबारी सप्ताह के आरंभ में ही सोमवार को कोटक महिंद्रा बैंक के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी होने वाले हैं। इसके बाद अगले दिन मंगलवार को हिंदुस्तान लीवर और एलएंडटी द्वारा पहली तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी किए जा सकते हैं।
वहीं, बुधवार को एशियन पेंट के तिमाही वित्तीय परिणाम जारी होंगे। इसके बाद गुरुवार को बजाज फाइनेंस और टाटा मोटर व अन्य कंपनियां अपने वित्तीय नतीजे जारी करेंगी। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को मारुति सुजुकी और बजाज ऑटो के तिमाही वित्तीय नतीजे आने वाले हैं। देश में ऑटो सेक्टर में सुस्ती का माहौल होने के कारण इन ऑटो कंपनियों के
वित्तीय नतीजों पर बाजार की निगाहें टिकी रहेंगी।
पिछले सप्ताह संसद में पारित वित्त विधेयक में शामिल प्रावधानों पर भी बाजार की प्रतिक्रिया मिल सकती है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में तेजी या मंदी और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल से भी घरेलू शेयर बाजार की चाल तय होगी।
विदेशी मोर्चे पर भूराजनीतिक तनाव और अमेरिका-चीन व्यापारिक मसलों को लेकर टकराव सुलझाने की दिशा में होने वाली पहलों का दुनियाभर के शेयर बाजार पर असर देखने को मिलेगा जिससे भारतीय बाजार भी प्रभावित होगा।
उधर, यूरोपियन सेंट्रल बैंक गुरुवार को ब्याज दर को लेकर अपने फैसले का ऐलान कर सकता है और अमेरिका में दूसरी तिमाही के जीडीपी के अग्रिम अनुमान शुक्रवार को जारी हो सकते हैं। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय पटल पर होने वाले राजनीतिक घटनाक्रमों का भी बाजार पर असर देखने को मिल सकता है।