जयपुर। चौतराफा आर्थिक परेशानियों से घिरी सरकार को बजट से पहले केंद्र सरकार ने कुछ राहत दे दी है। सरकार अब 7.5 हजार करोड़ रुपए की बजाय 27 हजार करोड़ रुपए उधार ले सकेगी। अब 3 माह की सीमा को केंद्र ने बढ़ाकर एक साथ 9 माह का उधार एक साथ लेने की राहत दे दी है। के लिए उधार सीमा में ले सकेगी। राज्य सरकार अब बाजार से पहले से ज्यादा उधार ले सकेगी।
राज्य सरकार अपने बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए विश्व बैंक, एडीबी, आरबीआई सहित कई एजेंसियों से लोन लेती है। इसकी गारंटर केंद्र सरकार होती है। इसलिए एक साल में राज्य सरकार कितना लोन ले सकती है इसका निर्धारण भी केंद्र सरकार करती है। इसके साथ ही केंद्र सरकार यह भी तय करती है कि उधार लेने की सालाना सीमा में राज्य सरकार एक बार में अधिकतम कितनी रकम उधार ले सकती है।
साल 2016 में वित्त मंत्रालय ने यह व्यवस्था दी थी कि राज्य सरकार अपनी उधार लेने की सालाना सीमा में से 9 माह जितनी राशि एक मुश्त उधार ले सकती है। लेकिन हाल में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान 5 अप्रैल को वित्त मंत्रालय ने एक नया परिपत्र जारी कर इस व्यवस्था को बदल दिया। इसमें राज्य सरकार को अपनी उधार लेने की सालाना सीमा में से 3 माह जितनी राशि एक मुश्त उधार लेने की ही मंजूरी दी गई।
इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा ये है कि अब 3 माह की सीमा को केंद्र ने बढ़ाकर एक साथ 9 माह का उधार एक साथ लेने की राहत दे दी है। उधार लेने की सीमा घटाने का सबसे पहला असर पिछले दिनों मणिपुर पर आया। ओवर ड्राफ्ट लिमिट पूरी होने के बार रिजर्व बैंक ने मणिपुर वेतन बिलों और चेक भुगतान पर रोक लगा दी।
बाजार से उधार लेने की उसकी क्षमता वित्त मंत्रालय के फैसले के बाद काफी घट गई थी। इसके चलते उसे आरबीआई से ओवर ड्राफ्ट लेना पड़ा। ओवर ड्राफ्ट के बाद भी खर्च पूरे नहीं हो पाए। इसके बाद आरबीआई ने भुगतान पर रोक लगा दी।
ऐसे तय होती है सीमा…
राज्य सरकार की उधार लेने की सीमा दो तरह से निर्धारित होती है। एक तो वह अपनी जीडीपी के 3 प्रतिशत के बराबर बाजार से नया उधार ले सकती है। दूसरा उसके सालाना रिपेमेंट्स जो उसे चुकाने हैं उस रकम को भी इसमें जोड़ा जाता है।
रिपेमेंट्स को हटाकर राज्य सरकार साल में कुल 36 हजार करोड़ रुपए बाजार से उधार ले सकती है। इन 36 हजार करोड़ में से भी 30 हजार करोड़ रुपए नेट बोरोइंग होती है। वित्त मंत्रालय के फैसले के बाद राज्य सरकार अपनी नेट बोरोइंग पर ही तीन महीने तक का उधार ले सकती थी जो की करीब 7 हजार 495 करोड़ रुपए होती है । अब वह 36 हजार करोड़ रुपए की मार्केट बोराइंग लिमिट में से एक मुश्त 27 हजार करोड़ रुपए उधार ले सकेगी।