नई दिल्ली। मोदी सरकार 2.0 उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने जा रही है। विभिन्न सामाजिक योजनाओं में लाभार्थी के बैंक खातें में सीधे पैसे पहुंचाने की सफलता को देखते हुए अब सरकार शैक्षणिक संस्थानों को इसकी जद में लाएगी। इसमें आईआईटी व आईआईएम सहित देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में फीस में सब्सिडी की मौजूदा व्यवस्था की जगह स्टूडेंट को बैंक अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर करने का प्रस्ताव शामिल है।
क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म बनाने पर विचार
इसके अलावा सरकार राष्ट्रीय स्तर पर एक क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म बनाने पर भी विचार कर रही है। इससे स्टूडेंट्स और संस्थानों को आर्थिक मदद मिल सकेगी। सरकार देश भर में ‘ईच वन, टीच वन’ नाम से एक आंदोलन शुरू करना चाहती है। इसमें हर परिवार को एक विद्यार्थी की मदद करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
दान से जुड़े इस आंदोलन को एक नेशनल डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए चलाया जाएगा। यह प्लेटफॉर्म विद्याधन पोर्टल के मॉडल पर आधारित हो सकता है। यह राष्ट्रीय पोर्टल दान देने वाले व्यक्ति को विद्यार्थियों और संस्थानों के साथ जोड़ेगा।
दस लाख विद्यार्थियों की होगी मदद
इस योजना के जरिए 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाने का लक्ष्य रखा जाएगा, जिससे अलग-अलग फील्ड के 10 लाख स्टूडेंट्स की मदद की जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी। 10 विशेषज्ञ समूहों ने ऐसी सिफारिशें की हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन समूहों का गठन किया था।
मंत्रालय ने उच्च शिक्षा से जुड़े पांच साल के एक प्रोजेक्ट के लिए इस समूह से राय मांगी थी। इस प्रोजेक्ट का नाम ‘एजुकेशन क्वालिटी अपग्रेडेशन एंड इनक्लूजन प्रोग्राम’ (EQUIP) है। इसका मकसद उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाना है। इन समूहों में पूर्व रेवेन्यू सचिव हंसमुख अधिया, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, प्रिसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के विजयराघवन सहित कई लोग शामिल थे।
पीएमओ कर रहा है समीक्षा
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय इक्विप प्रोजेक्ट से करीबी रूप से जुड़ा है। वह इसकी समीक्षा कर रहा है। इस प्रोजेक्ट से जुड़ा प्रस्ताव 100 दिन के अंदर कैबिनेट में पेश कर दिए जाने की संभावना है। इक्विप में उन मसलों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें पिछले हफ्ते नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के ड्राफ्ट में उठाया गया था।