नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने मार्च, 2019 में समाप्त तिमाही के दौरान 838 करोड़ रुपए का प्रॉफिट अर्जित किया। हालांकि बीते साल समान तिमाही के दौरान बैंक को 7,718.17 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
एसबीआई (SBI) ने स्टॉक एक्सचेंजेस में दी गई रेग्युलेटरी फाइलिंग के माध्यम से कहा कि इस अवधि के दौरान बैंक की कुल इनकम 10.57 फीसदी बढ़कर 75,670.50 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गई। नतीजों के ऐलान के बाद एसबीआई का शेयर मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है।
एसेट क्वालिटी में सुधार का मिला फायदा
माना जा रहा है कि देश के सबसे बड़े सरकरी बैंक एसबीआई (SBI) को बेहतर एसेट क्वालिटी और खुदरा बैंकिंग बिजनेस से हुई ज्यादा आय का फायदा मिला। इसके विपरीत बीते साल समान अवधि यानी जनवरी-मार्च, 2018 में समाप्त तिमाही हुए 7,718 करोड़ रुपए के घाटे की मुख्य वजह बैड लोन्स में बढ़ोतरी रही थी।
एसबीआई द्वारा जारी नतीजों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 की अंतिम तिमाही के दौरान बैंक का खुदरा बैंकिंग बिजनेस 15.3 फीसदी की बढ़त के साथ 33,662 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया। वहीं मार्च, 2019 के अंत तक ग्रॉस एडवांस की तुलना में ग्रॉस एनपीए घटकर 7.53 फीसदी रह गया, जबकि मार्च, 2018 के अंत तक यह आंकड़ा 10.91 फीसदी रहा था। वहीं नेट एनपीए या बैड लोन्स 5.73 फीसदी से घटकर 3.01 फीसदी रह गए।
2018-19 में 3069 करोड़ रु का प्रॉफिट
वित्त वर्ष 2018-19 की बात करें तो इस अवधि में बैंक का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 3,069.07 करोड़ रुपए रहा, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक को 4,87.41 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। वहीं वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान उसकी कंसॉलिडेटेड इनकम बढ़कर 3.30 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गई, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 3.01 लाख करोड़ रुपए रहा था।