मुकेश भाटिया
कोटा। देश के लगभग सभी तुवर उत्पादक क्षेत्रों में तुअर की फसल कमजोर रहने के अलावा बर्मा से भी फ़सल को बड़ा नुकसान पहुँचने की खबरें मिल रही है, जिससे बर्मा से होने वाले तुअर का आयात पडता महंगा पड़ रहा है। इन सभी कारणों के चलते अभी क़ीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है । तुवर लेमन की क़ीमतों के हल्के झटकों के साथ 6000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर तक तक पहुँचने की उम्मीद लगने लगी है।
महाराष्ट्र व कर्नाटक की तुअर फसल में इस बार 45/50 फ़ीसदी तक की गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे वहां के मालों के पडते दिल्ली सहित उत्तर भारत की मंडियों में काफी ऊंचे लग रहे हैं। जबकि महाराष्ट्र की तुवर का व्यापार 5500/5600 रुपए प्रति कुंतल पर हो रहा है, जिससे उन मालों के पडते यहां पर महंगे बैठ रहे हैं ।
बर्मा की तुवर लेमन का स्पॉट व्यापार 720/725 डॉलर प्रति टन पर हो रहा है, जो यहां आकर कई कंडीशनों के साथ भी काफी ऊंचे बैठ रही है। मध्य प्रदेश के नीमच लाइन की नई तुअर की फ़सल का श्रीगणेश हो चुका है, लेकिन प्रति हेक्टेयर उत्पादकता काफ़ी कमज़ोर रहने से कुल उपलब्धता प्रभावित रहने की आशंका बढ़ गयी है तथा वह माल कटनी की मिलें 5250 रुपए पहुंच में 80 प्रतिशत खरीद चुकी हैं।
वर्तमान में लेमन तुवर का व्यापार चेन्नई व मुंबई से हो रहा है। यहां उसके भाव 5300/5325 रुपए हाजिर में तथा फुल मई डिलीवरी में 5450 रुपए बोल रहे हैं तथा इस भाव में भी ज्यादा माल नही मिल रहे हैं क्योंकि मुंबई व चेन्नई में भी स्टॉक अधिक नहीं है।
उत्पादन 26/27 लाख टन रहने का अनुमान
इस सीजन में रबी व खरीफ को मिलाकर तुअर का कुल उत्पादन गत वर्ष के 45/46 लाख टन से घटकर इस बार 26/27 लाख टन रहने का अनुमान है। बर्मा में भी तुअर उत्पादन इस बार घटकर करीब 86/88 लाख टन रहने की खबर है। यही कारण है कि तुवर में अगाऊ सौदे लगातार क़ीमतें बढाकर होने लगे हैं।
बाज़ार में नकदी की तंगी लगातार बनी रहने से पाइप लाइन में पहले की तरह माल का स्टॉक नहीं है इसके अलावा बिहार,झारखंड व उत्तर प्रदेश में हाल ही में आई तुअर की फ़सल केवल 30/35 फ़ीसदी ही रह जाने की आशंका है।
यही कारण है कि उत्पादक मंडियों में भी तुअर की कीमतें बीते 10 दिनों में 350/400 रुपए क्विंटल उछल गयी है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए देखते हुए तुअर की क़ीमतें मई माह तक 5700/5800 रुपए एवं दाल फटका 8000 रुपए तक के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद बन गयी है।