सरसों समर्थन मूल्य से कम में बिकने से किसानों को चार करोड़ का नुकसान

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कोटा। संभाग में प्रतिदिन 50 हजार क्विंटल सरसों समर्थन मूल्य से कम में खुले बाजार में 3200 से 3400 रुपए क्विंटल में बिक रही है। इससे संभाग के किसानों को प्रतिदिन 4 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। किसान मंडी में खुली नीलामी में समर्थन मूल्य से करीब 900 रुपए कम भाव में अपनी सरसों बेचने को मजबूर हैं।

किसान नेता दशरथ कुमार ने बताया कि राजफैड ने 24 केंद्रों पर कांटे लगाए हैं, लेकिन 7 से ज्यादा स्थानों पर रजिस्ट्रेशन 14 मार्च को ही बंद हो गए। इससे पहले सरकार ने यह कह दिया कि एक गिरदावरी पर एक ही किसान का रजिस्ट्रेशन होगा। तब किसान नहीं करा पाए, 13 मार्च को फिर सरकार ने आदेश बदले और एक गिरदावरी में 4 किसानों को मंजूर किया, इसके बाद 14 मार्च से रजिस्ट्रेशन बंद हो गए।

अब जहां भी रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं, लेकिन सर्वर इतना कमजोर है कि दो-दो घंटे में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा ताे परेशान होने की बजाए खुले बाजार में माल बेचना पड़ रहा है। वहीं चलना भी लगा रहे हैं और गीला भी बता रहे हैं। इससे भी दुखी होकर किसान समर्थन मूल्य पर जिंस नहीं बेच रहे। उन्हें वहां तुरंत भुगतान मिल जाता है और 25 क्विंटल तो समर्थन मूल्य पर बेचे बाकी बेचने कहां जाए।

उन्होंने बताया कि पहले तो रजिस्ट्रेशन में दिक्कतें आई। कई जगहों पर रजिस्ट्रेशन बंद हो गए। जहां हा़े रहे हैं, वहां भी दो दिन से सर्वर डाउन होने से किसान का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा। अब जिन्हें टोकन जारी हो गए हैं तो सेंटर पर सफाई के नाम पर चलना लगाया जा रहा है। इससे किसान को 25 से 30 फीसदी का नुकसान हो रहा है। वहीं दूसरी और उपज गीली बताते हुए नमूने फेल किए जा रहे हैं। इसकी वजह से समर्थन मूल्य पर दो दिन में केवल 30 से 32 किसानों की सरसों तुली है।

राज्य सरकार के बस में नहीं सरसों खरीदना : राजावत
भाजपा नेता और पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने समर्थन मूल्य पर खरीद में अनियमितता और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में किसानों को हो रही परेशानी देखते हुए सोमवार को भामाशाह मंडी स्थित भामाशाह चौराहा पर धरना दिया।

धरने को व्यापारियों, मुनीमों, हम्मालों, पल्लेदारों, मजदूरों ने खुला समर्थन किया। धरने के चलते 10.30 से 12 बजे तक मंडी में विभिन्न कृषि जिंसों की नीलामी बंद रही। धरने के दौरान राजावत ने किसानों के मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल द्वारा की गई बयानबाजी को निराधार बताया।

डर के मारे मंडी ही नहीं पहुंचे अधिकारी
राजावत ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी थी कि अगर हालात नहीं सुधरे तो वे अधिकारियों को कमरे में बंद कर ताला लगा देंगे। इस चेतावनी के डर के मारे एफसीआई, राजफेड, कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी के अधिकारी सोमवार काे मंडी ही नहीं पहुंचे। यहां तक की भामाशाह मंडी कार्यालय का गेट बंद कर राजावत वहीं किसानों के साथ धरने पर बैठ गए। इससे मंडी के अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय तक में नहीं पहुंच पाए।