पुरानी कीमत में मिलेगा ज्यादा मात्रा में सामान, GST में कटौती का असर

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कोटा। जीएसटी रेट में कटौती के बाद कंपनियों को यह छूट होगी कि वे अपने उत्पाद की कीमत कम करने की बजाय उसकी मात्रा बढ़ा दें। इससे लोगों को पुरानी कीमत में ही ज्यादा मात्रा में सामान मिल जाएगा। हालांकि नमकीन, बिस्कुट, शैम्पू समेत fast moveble conjumer goods(FMCG) सामानों की पैकिंग का साइज बढ़ जाएगा।

नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (एनएए) के चेयरमैन बी.एन. शर्मा ने कहा है कि जीएसटी दरों में बदलाव के बाद कंपनियां अपने प्रोडक्ट की कीमत कम करने या उसका वजन बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं। ग्राहकों को टैक्स में कटौती का लाभ दिलाने के लिए एनएए ने कुछ पैमाने तय किए हैं।

इनमें तय समय में लाभ देने के अलावा टैक्स कटौती के अनुपात में प्रोडक्ट का वजन बढ़ाना भी शामिल हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट मिलिंद विजयवर्गीय ने कहा कि प्रोडक्ट का वजन बढ़ाने की सुविधा मिलने से कंपनियों को दोतरफा फायदा होगा। इससे एक तो उनका टर्नओवर बढ़ेगा, दूसरा उनका मुनाफा भी बढ़ेगा।

एनएए चेयरमैन ने कहा कि छोटे सैशे वाले प्रोडक्ट में ग्राहकों को जीएसटी कटौती का लाभ देना कई बार व्यावहारिक नहीं हो पाता है। टैक्स घटने का असर इतना कम होता है कि छोटे पैकेट में वजन बढ़ाना मुमकिन नहीं होता। छोटे पैकेट में एफएमसीजी प्रोडक्ट ही ज्यादा बिकते हैं। जीएसटी रेट घटने पर उसे एडजस्ट करने के लिए पैकेट का वजन बढ़ाया जाए या नहीं, इस पर सरकार में मतभेद हैं।

जीएसटी कानून के तहत मुनाफाखोरी रोकने के लिए बनाई गई अथॉरिटी एनएए पैकेट का वजन बढ़ाने पर सहमत है। लेकिन पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि टैक्स घटने पर सरकार वजन बढ़ाने पर रोक लगा सकती है। अभी कंपनियां दाम कम करने के बजाय पैकेट का वजन बढ़ा देती हैं।