नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद करतारपुर कॉरिडोर के बहाने संबंधों को मधुर करने की कोशिश करने वाला पाकिस्तान अपनी चालों से बाज नहीं आ रहा है। अब पाकिस्तान ने इस कॉरिडोर के बहाने भारतीय जमीन को हड़पने की नापाक चाल चली है। इसको लेकर भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है।
करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान के अधिकारियों से बातचीत करने वाले भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तान ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गलियारा विकसित करने के नाम पर करतारपुर गुरूद्वारे की जमीन ‘चोरी-छिपे हड़प’ ली। अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान ने इस परियोजना के लिए भारत के ज्यादातर प्रस्तावों पर आपत्ति जताई है।
यह पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि पाकिस्तान गुरू नानक देव के श्रद्धालुओं की भावनाओं के प्रतिकूल इस पावन जमीन पर ‘धड़ल्ले से अतिक्रमण’ कर रहे। इसको लेकर भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई है।
महाराजा रणजीत सिंह ने दान दी थी जमीन
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि करतारपुर गुरूद्वारे को लेकर पाकिस्तान का नापाक चेहरा पहली ही बैठक में सामने आ गया है। अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से जिस जमीन पर अतिक्रमण किया गया है, वह महाराजा रणजीत सिंह और अन्य श्रद्धालुओं ने करतारपुर साहिब को दान में दी थी।
अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान पाकिस्तान झूठे वादे और ऊंचे दावे करने एवं जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करने की अपनी पुरानी छवि पर खरा उतरा है। भारत की ओर से इस कॉरिडोर पर 190 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है।
भारत ने 5000 श्रद्धालुओं को रोजाना प्रवेश की मांग
करतारपुर कॉरिडोर को लेकर हुई दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक में भारत ने 5000 श्रद्धालुओं को रोजाना प्रवेश की मांग की थी। लेकिन पाकिस्तान रोजाना मात्र 700 श्रद्धालुओं को प्रवेश देने की बात कर रहा है।
साथ ही पाकिस्तान का कहना है कि वह कम से कम 15 श्रद्धालुओं के जत्थे को ही प्रवेश की अनुमति देगा। पहली बैठक में इस मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। अब दोनों देशों के अधिकारियों के बीच 2 अप्रैल को बैठक होगी।