कोटा। एक बार फिर राजस्थान का कोटा शहर औद्योगिक नगर की खोई हुई पहचान हासिल कर लेगा। आने वाले 5 साल में यहां कई बड़े, मंझले और छोटे उद्योग लग जाएंगे। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले पांच साल में कोटा जिले में 300 से अधिक कारखाने लगेंगे और 1.50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। इसकी ओर कोटा तेजी से बढ़ रहा है।
डीसीएम श्रीराम रेयंस भी बिजली का उत्पादन बढ़ाएगा और सेना व पुलिस के काम में आने वाले अत्यंत आधुनिक उपकरण व बुलेट प्रूफ वाहन बनाने वाले कारखाने को शुरू कर देगा। वहीं, ताथेड़ के पास अमेरिका की एक एग्रो बेस कंपनी भी बड़ा प्लांट लगा रही है। यहां पशु आहार बनाया जाएगा।
रीको की ओर से रामगंजमंडी और रानपुर में इंड्रस्ट्रीज एरिया डवलप किया जा रहा है। कैथून रोड पर भी पीपीपी मोड पर एग्रो फूड पार्क डवलप हो रहा है। इसमें 17 इंड्रस्ट्रीज लगेंगी। यानी कुल मिलाकर कोटा में 2025 तक उद्योगों के अच्छे दिन रहेंगे।
आने वाले 5 साल में
श्रीराम रेयंस में बनने लगेंगी सेना की बुलेट प्रूफ गाड़ियां और आधुनिक उपकरण वर्तमान समय में श्रीराम रेयंस संस्थान लगभग 8000 मीट्रिक टन रेयान उत्पाद का निर्यात संपूर्ण विश्व में कर रहा है। अग्रिम एक वर्ष 2020-2021 में 10000 मीट्रिक टन उत्पाद के निर्यात का लक्ष्य है।
इसके के लिए प्लांट स्पिनिंग एवं टैक्सटाइल में आधुनिक नई मशीनें लगा दी हैं। इसके लिए नए कर्मचारियों की नियुक्ति भी होगी। इससे श्रीराम रेयंस संस्थान अपने उत्पादन के 98 प्रतिशत भाग का निर्यात करने वाले एक मात्र संस्थान बन जाएगा। विश्व में रेयान टायर कार्ड के मात्र 4 उत्पादक हैं, जिसमें श्रीराम रेयंस द्वितीय स्थान पर है।
फिर से औद्योगिक सिटी
कोटा में पानी, जमीन और बिजली की अच्छी व्यवस्था होने से काम करना आसान होता है। आने वाले 5 साल में कोटा में 5 बड़ी इंड्रस्ट्रीज डवलप हो जाएंगी। इसकी शुरुआत हो चुकी है। नए कारखाने लगाए जा रहे हैं। कुल मिलाकर 5 साल में हमारा कोटा शहर फिर से औद्योगिक सिटी के रूप में पहचान पा बना लेगा। –वीके जेटली, यूनिट हैड, श्रीराम रेयंस