नई दिल्ली। बीते सप्ताह तेजी में रहने वाले घरेलू शेयर बाजार की दिशा आगामी सप्ताह जारी होने वाले सेवा क्षेत्र के आंकड़े, लोकसभा चुनाव से पहले की चुनावी हलचल, पाकिस्तान के साथ जारी विवाद, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और वैश्विक संकेतों से तय होगी।
आलोच्य सप्ताह के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 192.33 अंक की छलांग लगाकर 36,063.81 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 71.85 अंक की मजबूती के साथ 10,863.50 अंक पर बंद हुआ।
सप्ताह के दौरान दिग्गज कंपनियों की तुलना में निवेशकों का आकर्षण छोटी और मंझोली कंपनियों में अधिक रहा , जिससे बीएसई का मिडकैप 333.08 अंक यानी 2.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 14,502.82 अंक पर और स्मॉलकैप 464.02 अंक यानी 3.43 प्रतिशत की बढ़त के साथ 13,981.73 अंक पर बंद हुआ।
अगले सप्ताह निवेशकों की नजर पांच मार्च को जारी होने वाले सेवा क्षेत्र के आंकड़े पर रहेगी। इसके अलावा चीन और अमेरिका का व्यापार संबंधी आंकड़ा, अमेरिका के रोजगार संबंधी आंकड़े, चीन के थोक महंगाई दर के आंकड़े तथा जापान और यूरो क्षेत्र के चौथी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े भी निवेश धारणा को प्रभावित करेंगे।
पाकिस्तान के साथ संबंधों में नए सिरे से आई तल्खी का असर भी शेयर बाजार पर रहेगा। इसके अलावा आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक मंच पर जारी उथलपुथल पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। पाकिस्तान के साथ विवाद को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अगली सरकार भी मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनेगी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और अमेरिका तथा चीन के बीच जारी बातचीत , विदेशी संस्थागत निवेशकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशको का रुख भी शेयर बाजार पर असर डालेगा। फरवरी में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने पूंजी बाजार में जमकर पैसा लगाया है।