नई दिल्ली।जल्द ही कंपनियों को अपने रजिस्टर्ड ऑफिसेस के फोटोग्राफ्स के साथ ही लंबाई और चौड़ाई जैसी डिटेल्स भी सरकार को देनी होगी। सरकार ने शेल कंपनियों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से ऐसे कई कदम उठाए हैं। इसके तहत कंपनी मामलों के मंत्रालय ने जिओ टैगिंग रूल्स को अपनाने के अलावा कंपनियों के ऑडिटर्स और प्रमुख प्रबंधन कर्मचारियों सहित कई जानकारियां लेने का फैसला किया है।
ACTIVE-1 फॉर्म किया नोटिफाई
मंत्रालय ने शेल कंपनियों पर सख्ती करने के लिए एक नया इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म एक्टिव-1 (एक्टिव कंपनी टैगिंग आइडेंडिटीस एंड वेरिफिकेशन) नोटिफाई किया है। गौरतलब है कि शेल कंपनियों को अवैध फंड के फ्लो के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।
31 दिसंबर, 2017 को या इससे पहले बनी कंपनियों को 25 अप्रैल को या उससे पहले यह फॉर्म जमा करना होगा। तय डेडलाइन तक फॉर्म जमा नहीं करने की स्थिति में कंपनियों को 10 हजार रुपए की लेट फी जमा करनी होगी और उन्हें ‘एक्टिव नॉन कंप्लायंट’ मान लिया जाएगा।
सरकार पहली बार मांग रही है ये डिटेल
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर एक्टिव कंपनी और उसके पीछे मौजूद लोगों की पहचान की दिशा में इस फॉर्म का नोटिफिकेशन एक बड़ा कदम है। अधिकारी ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि मंत्रालय कंपनियों के रजिस्टर्ड ऑफिसेस के फोटोग्राफ के साथ ही लंबाई-चौड़ाई से जुड़ी डिटेल मांग रहा है।
देना होगा रजिस्टर्ड ऑफिस का फोटो
मंत्रालय के मुताबिक, कंपनी को कम से कम एक डायरेक्टर या एक प्रबंधन कर्मचारी के साथ अपने रजिस्टर्ड ऑफिस का फोटोग्राफ उपलब्ध कराना होगा। वह डायरेक्टर या प्रबंधन कर्मचारी फॉर्म पर हस्ताक्षर करेगा।
कंपनीज एक्ट, 2013 के अंतर्गत कंपनीज (इनकॉर्पोरेशन) रूल्स में संशोधन 25 फरवरी से प्रभावी हो जाएंगे।उन कंपनियों को फॉर्म जमा करने की जरूरत नहीं होगा, जो डिरजिस्टर्ड हो गई हैं या इसकी प्रक्रिया से गुजर रही हैं या लिक्विडेशन की प्रक्रिया से गुज रही हैं।