नई दिल्ली। साल 2019 देश के लिए ‘सेफ वीइकल इयर’ यानी सुरक्षित गाड़ियों का साल होगा, क्योंकि इस साल कारों में कई सेफ्टी फीचर्स अनिवार्य हो जाएंगे। इनमें सीट बेल्ट अलर्ट, रिवर्स पार्किंग सेंसर और स्पीड अलर्ट जैसे फीचर्स शामिल हैं। इसके अलावा सभी कारों को फ्रंट, साइड और लेट्रल क्रैश टेस्ट पास करना भी जरूरी होगा।
साल 2023 तक भारत में कारों में इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल और ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम जैसे सेफ्टी फीचर्स भी अनिवार्य हो जाएंगे। इससे भारत कार सेफ्टी फीचर्स के मामले में यूरोप के भी कई देशों को पीछे छोड़ देगा। हालांकि, भारत में सड़क दुर्घटना के दौरान गाड़ी के अंदर खासकर कारों के अंदर मरने वालों की संख्या पश्चिमी देशों की तुलना में कम है।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने एयर बैग्स जैसे सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 में सड़क दुघर्टनाओं में 26,869 कार सवार लोगों की मौत हुई। वहीं, सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले पैदल चालकों, साइकल चालकों और दोपहिया वाहन सवारों की संख्या 72,000 से ज्यादा थी।
कब से कौन-कौन से फीचर्स जरूरी
फीचर्स | कब से लागू |
ABS (टू-वीलर्स, कार और मिनी बसों में जरूरी) | अप्रैल 2018 ( मॉडल्स) अप्रैल 2019 ( मॉडल्स) |
कारों के लिए क्रैश टेस्ट | अक्टूबर 17 (मॉडल्स) अक्टू. 2019 ( मॉडल्स) |
पैदल चलने वालों और सड़क का इस्तेमाल करने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए कारों में फीचर्स | अक्टूबर 18 ( मॉडल्स ) अक्टू. 2020 (मॉडल्स ) |
कारों में सीट बेल्ट अलर्ट, स्पीड अलर्ट, एयरबैग व रिवर्स पार्किंग सेंसर | जुलाई 19 ( मॉडल्स) |
कारों में इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल (ESC) और ऑटोमैटिक ब्रेकिंग | अप्रैल 2023 |
थ्री-वीलर्स में ड्राइवर के लिए सीटबेल्ट और साइड डोर | दिसंबर 2020 |