नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने बुधवार को कहा कि ब्रॉडकास्टिंग और केबल सर्विसेज के लिए नई दर व्यवस्था के तहत बाजार की ताकतें अपना काम करेंगी और साधारण उपभोक्ताओं के लिए टीवी चैनल देखने के मासिक बिल में कमी आएगी। क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चैनल ग्राहकों का खर्च 25 फीसद तक बढ़ सकता है।
एक सम्मेलन में ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि उस रिपोर्ट में पेश की गई धारणा वास्तविकता पर आधारित नहीं थी, इसलिए उसका निष्कर्ष गलत था। ट्राई को एक डीटीएच प्लेटफॉर्म पर ब्लैकआउट, लंबी अवधि के पैक और एक से अधिक टीवी कनेक्शंस से जुड़ी पेशकश पर उपभोक्ताओं की शिकायतें मिली हैं और नियामक इस पर ऑपरेटर्स को जरूरी निर्देश दे रहा है।
शर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं को निश्चित रूप से चुनने की आजादी होनी चाहिए। उनकी आजादी में हस्तक्षेप करना नियामकीय ढांचे का उल्लंघन है। कीमतों को लेकर संजीदा ग्राहक टीवी चैनल देखने के मासिक खर्च में कमी आने की उम्मीद कर सकते हैं। ट्राई ने प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स से एक से अधिक टीवी कनेक्शंस वाले घरों के लिए दो दिनों के अंदर विशेष स्कीम लाने के लिए भी कहा है।
ट्राई ने इस बात पर जोर दिया है कि यदि ग्राहक चाहें, तो एक घर के अंदर भी हर टेलीविजन के लिए ऑपरेटर्स अलग-अलग सेट टॉप बॉक्स उपलब्ध कराएं। ट्राई ने ब्रॉडकास्ट और केबल सेक्टर के लिए नई किराया पद्धति और नियामकीय व्यवस्था लागू की है। इससे टेलीविजन दर्शकों में अपनी पसंद के चैनलों का चुनाव करने और सिर्फ उसके लिए भुगतान करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा।