कोटा। टीचिंग के बदलते दौर में अब फिट व इनोवेटिव टीचर्स की डिमांड है। ट्रेडिशनल टीचिंग के जरिए स्टूडेंट्स को लंबे समय तक नहीं पढ़ाया जा सकता। इसे देखते हुए अब जल्द ही कोटा यूनिवर्सिटी में टीचर्स स्किल्स निखारने के लिए नए प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। इससे पहले कोटा यूनिवर्सिटी के स्किल डवलपमेंट सेंटर की ओर से आयोजित 7 दिवसीय वर्कशॉप का समापन बुधवार को वीसी प्रो. नीलिमा सिंह की मौजूदगी में हुआ।
स्किल डवलपमेंट सेंटर की को-ऑर्डिनेटर डॉ. अनुकृति शर्मा ने कहा कि 7 दिन की ट्रेनिंग में शिक्षकों का आत्मविश्वास बढ़ा है। वे स्टेज पर अपनी अभिव्यक्ति बेहतर तरीके से जाहिर कर पा रहे हैं। वीसी प्रो. नीलिमा सिंह ने कहा कि आज शिक्षकों को फिट रहने की आवश्यकता है। सेहतमंद होने पर ही वे एक घंटे की क्लास में लगातार खड़े रहकर पढ़ा पाएंगे। फिट नहीं रहेंगे तो चिड़चिड़ापन आएगा और स्टूडेंट्स से इंटरेक्शन लेवल बेहतर नहीं हो पाएगा। रजिस्ट्रार डॉ. संदीप सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षक को कभी भी सीखना बंद नहीं करना चाहिए।
एक्टिविटी के जरिए हुई टीचर्स की लर्निंग
काे-ऑर्डिनेटर डाॅ. अनुकृति ने बताया 7 दिनों में एक्सपर्ट ट्रेनिंग देने के लिए आए। राजस्थान विवि के पूर्व प्रो. अनिल मेहता, कोटा विवि के डायरेक्टर रिसर्च डाॅ. ओपी ऋषि, उदयपुर से सुभाष शर्मा, ओपन यूनिवर्सिटी से पतंजलि शर्मा सहित अन्य ने ट्रेनिंग दी।
खासबात यह है कि ट्रेनिंग पेपर पेन का कम उपयोग करते हुए एक्टिविटी के जरिए शिक्षकों को सिखाया गया। प्रतिभागियों ने फीडबैक में कहा कि वे ऐसी ट्रेनिंग लंबी अवधि तक लेना चाहते हैं। प्रतिभागियों ने कहा कि वे मंच पर आसानी से बोल सकते हैं।