वॉशिंगटन।यह कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट की तरह है। सैकड़ों करोड़ रुपये हैं। चाबी की तरह एक पासवर्ड है। केवल एक शख्स के पास वह पासवर्ड है। शख्स भारत के दौरे पर आता है और उसकी एक बीमारी के कारण मौत हो जाती है। शख्स की मौत के बाद 190 मिलियन डॉलर (करीब 1300 करोड़ रुपये) कीमत की क्रिप्टोकरंसी लॉक्ड है। यहां तक कि मृतक की पत्नी को भी यह पासवर्ड पता नहीं है। बड़े-बड़े सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स भी अब इस करंसी को अनलॉक नहीं कर पा रहे हैं।
बिटकॉइन के अलावा इन ई-मुद्राओं की भी दुनिया में है धूम
30 साल का मृतक का नाम गेराल्ड कॉटन और उसकी कंपनी का नाम क्वाड्रिगासीएक्स है। दिसंबर 2018 में आंत संबंधी बीमारी के चलते गेराल्ड की मौत हो गई। कंपनी के सोशल मीडिया पेज के माध्यम से बताया गया कि गेराल्ड की मौत उस दौरान हुई, जब वह भारत की यात्रा पर थे। यह भी बताया गया कि वह भारत में अनाथ बच्चों के लिए एक अनाथालय खोलने वाले थे।
गेराल्ड की पत्नी को भी नहीं पता पासवर्ड
गेराल्ड के मरने की खबर तब सामने आई जब उनकी पत्नी जेनिफर रॉबर्टसन और उनकी कंपनी ने कनाडा की कोर्ट में क्रेडिट प्रोटेक्शन की अपील दायर की। याचिका में कहा गया कि वे गेराल्ड के इनक्रिप्टेड अकाउंट (जिसमें उनकी संपत्ति है) को अनलॉक नहीं कर पा रहे हैं। इसी अकाउंट में लगभग 190 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरंसी भी लॉक्ड है। दरअसल, गेराल्ड जिस लैपटॉप से अपना सारा काम करते थे, वह इनक्रिप्टेड है और उसका पासवर्ड उनकी पत्नी जेनिफर के पास भी नहीं है।
31 जनवरी 2018 को क्वाड्रिगासीएक्स ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से नोवा स्कॉटिया सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि उन्हें अनुमति दी जाए, जिससे वह अपनी आर्थिक समस्या को हल कर सकें। कंपनी ने अपने बयान में कहा, ‘पिछले कुछ हफ्तों से हमने अपनी आर्थिक समस्या को हल करने के लिए कई प्रयास किए हैं। हमने क्रिप्टोकरंसी अकाउंट का पता लगाने और उसे सुरक्षित करने की कोशिश की है। हमें अपने कस्टमर्स को उनके डिपॉजिट के हिसाब से पैसा देना है लेकिन हम ऐसा करने में असमर्थ हैं क्योंकि हम उस अकाउंट को ही ऐक्सेस नहीं कर पा रहे हैं।’