नई दिल्ली। पहली बार आईआईटी दिल्ली और आईआईटी मुंबई का नाम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ दो सौ उच्च शिक्षण संस्थानों की सूची में शामिल हो गया है। लंदन में बृहस्पतिवार सुबह पांच बजे जारी होने वाली क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत के 20 उच्च शिक्षण संस्थानों ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में अपनी जगह बनायी है।
जबकि आईआईएससी बंगलूरू भी टॉप दो सौ में शामिल हैं। खास बात यह है कि क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2018 में आईआईटी दिल्ली ने आईआईएससी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बंगलूरू) को पछाड़ा है। जबकि आईआईटी कानपुर की रैंकिंग में सुधार तो आईआईटी रुड़की की रैंकिंग में गिरावट है।
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, 2018 की रैंकिंग तैयार करने में 75015 अकेडमिक और 40,455 कर्मियों ने अपना योगदान दिया है। रैंकिंग को बनाने के दौरान 12.3 मिलियन पेपर और 75.1 मिलियन साइटेशन का विश्लेषण किया गया है। क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2018 में एमआईटी पहले, स्टेंनफोर्ड यूनिवर्सिटी दूसरे और हावर्ड यूनिवर्सिटी तीसरे स्थान पर है।
जबकि कैलिर्फोनिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पांचवें से चौथे स्थान पर पहुंच गयी है। वहीं, कैब्रिज यूनिवर्सिटी चौथे से पांचवें स्थान पर पहुंच गयी है। आईआईटी दिल्ली को 172, आईआईटी मुंबई को 179 व आईआईएससी को 190 रैंक हासिल हुआ है।
शिक्षण संस्थान वर्ष 2017(रैंक) वर्ष 2018 (रैंक)
आईआईटी मद्रास 249 264
आईआईटी कानपुर 302 293
आईआईटी खड्गपुर 313 308
आईआईटी रुड़की 399 431-440
दिल्ली यूनिवर्सिटी 501-550 481-490
आईआईटी गुवहाटी 481-490 501-550
जादवपुर यूनिवर्सिटी कोई रैंक नहीं था 601-650
हैदराबाद यूनिवर्सिटी कोई रैंक नहीं था 601-650
अन्ना यूनिवर्सिटी कोई रैंक नहीं था 651-700
मनिपाल यूनिवर्सिटी कोई रैंक नहीं था 701-750
कोलकात्ता यूनिवर्सिटी 651-700 751-800
पहली बार एएमयू टॉप 800 प्लस में शामिल तो बीएचयू व पंजाब यूनि. की रैकिंग में गिरावट
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए खुशी की खबर है कि क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में जगह मिल गयी है। एएमयू को 801-1000 श्रेणी के बीच स्थान मिला है। जबकि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की रैंकिंग में गिरावट दर्ज है, पहले 701 प्लस की श्रेणी में था, जोकि अब 800 से 1000 के बीच पहुंच गया है। इसी प्रकार पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ का नाम 701 प्लस की श्रेणी से खिसकर 800 से 1000 की श्रेणी में पहुंच गया है।