चुनाव, डॉलर, कच्चे तेल के दाम से तय होगी रुपये की चाल

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नयी दिल्ली।निकट भविष्य में रुपये की चाल अमेरिकी डॉलर के रुख, कच्चे तेल के दाम और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से तय होगी। हालांकि, घरेलू मुद्रा के लिये अगले छह से 12 माह की अवधि के दौरान अर्थव्यवस्था के बुनियादी कारक समर्थन में दिखाई देते हैं। स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने ‘भारत परिदृश्य 2019- तैयारी एवं प्रतिक्रिया वर्ष’ शीर्षक से जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि आकर्षक वास्तविक प्रतिफल, मजबूत आर्थिक वृद्धि और 394 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार रुपये के लिये सकारात्मक संकेत है। वृहद आर्थिक परिदृश्य को लेकर रिपोर्ट में उम्मीद जतायी है कि देश की जीडीपी वृद्धि दर 2019 में मजबूती बनी रहेगी।

जीएसटी एवं दिवाला कानून जैसे हालिया नीतिगत सुधारों, निजी क्षेत्र के पूंजीगत खर्च में सुधार के संकेत और चुनाव पूर्व व्यय से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा। इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) 2019 में औसतन चार प्रतिशत के दायरे में रह सकती है।

खुदरा मुद्रास्फीति के नरम रहने, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और रुपये में स्थिरता से मुद्रास्फीति दबाव के नियंत्रण में रहने की उम्मीद है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में रिजर्व बैंक भी दरों में स्थिरता रखने के रुख पर कायम रह सकता है, क्योंकि मुद्रास्फीति उसके मध्यम अवधि के 4 प्रतिशत लक्ष्य के दायरे में रह सकती है।

‘‘हालांकि, इस दौरान मुद्रास्फीति यदि मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य से नीचे रहती है तो 2019 के आखिर में दरों में कटौती की संभावना बन सकती है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि इक्विटी बाजार के लिये वृहद आर्थिक परिवेश अभी भी अनुकूल बना हुआ है। कमाई में वृद्धि अच्छी रहेगी। 2019 में यह दहाई अंक में बेहतर रह सकती है।