नई दिल्ली। यूपीए दौर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों को लेकर मचे घमासान के बीच मौजूदा सरकार को भी बड़ा झटका लगा है। वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार घटकर 7.1 फीसदी हो गई है, जो पहली तिमाही में 8.2 फीसदी रही थी। हालांकि एक साल पहले की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 6.3 प्रतिशत था
सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) पहली तिमाही के 8 फीसदी के मुकाबले 6.9 फीसदी रहा। जीवीए उत्पादक या आपूर्ति पक्ष से अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश करता है, जबकि जीडीपी उपभोक्ता या मांग पक्ष दिखाता है।
भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट में विकास दर 7.5 से 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। रॉयटर्स पोल में भी विशेषज्ञों ने पहली तिमाही के मुकाबले गिरावट का अनुमान लगाया था। सरकार की ओर से जारी एक अन्य डेटा में बताया गया कि आठ कोर सेक्टर्स में वृद्धि दर 4.8 फीसदी रही, जोकि सितंबर में 4.3 फीसदी थी।