कृषि क्षेत्र में अब एवरग्रीन रिवोल्यूशन, ’फोर आई’ से बदलेगी तस्वीर : नायडू

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आरएसी ग्राउंड पर बुधवार को ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) का शुभारम्भ करते मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और शहरी विकास मंत्री वैंकया नायडू

कोटा । केन्द्रीय शहरी विकास तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री  वेंकैया नायडू ने कहा कि किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के उद्देश्य से केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर कृषि के क्षेत्र में ’फोर आई’ यानि इरिगेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, कम इंटे्रस्ट रेट पर कृषि ऋण एवं इंश्योरेंस पर फोकस कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एवं मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में एवरग्रीन रिवोल्यूशन की शुरूआत हो चुकी है। कोटा में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम-2017) का आयोजन इस दिशा में राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है।

 नायडू एवं मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने बुधवार को आरएसी ग्राउण्ड में ग्राम-2017 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर श्री नायडू ने कहा कि देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन कृषि के क्षेत्र में अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। पुरानी सरकारों के ध्यान नहीं देने के कारण देश में यह धारणा बन चुकी है कि कृषि लाभ का व्यवसाय नहीं है, हमें इस धारणा को तोड़ना होगा।

उन्होंने राज्य में फसलों में विविधता लाने और कृषि उत्पादों के वैल्यू एडीशन, प्रसंस्करण, ग्रेडिंग आदि के जरिए कृषि को और लाभदायक बनाने पर जोर देते हुए कहा कि किसानों के लिए नवीनतम तकनीकी ज्ञान, विविधतापूर्ण कृषि, उन्नत एवं सुलभ बाजारों के विकास, खाद्य प्रसंस्करण और आधारभूत संरचनाओं को बढावा देने जैसे उपाय करने होंगे।
 
गांव और नगर दोनों का हो विकास
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा देश में सर्वांगीण विकास के लिए ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों का विकास साथ-साथ होना चाहिए। इसीलिए एक ओर जहां स्मार्ट सिटी योजना शुरू की गई है, वहीं आदर्श ग्राम जैसी योजनाओं के जरिए गांवों को उन्नत बनाया जा रहा है। नायडू ने कहा कि कोटा में संभाग स्तरीय ’ग्राम’ के जरिए किसान कृषि क्षेत्र की नवीन तकनीकों, उपकरणों, फसलों, प्रसंस्करण पद्धतियों, सफलता की कहानियों से रूबरू होंगे।

जैविक खेती को अपनाने की पहल करें किसान-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अपने सम्बोधन में जैविक खेती को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि जैविक ढंग से उगाए गई फसलें बेहतर दाम पर बिकती है और सेहत के लिए भी अच्छी होती है इसलिए किसान अपने खेतों में एक हिस्सा जैविक खेती के लिए विकसित करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह डूंगरपुर जिले को पूर्ण रूप से जैविक खेती के लिए विकसित किया जा रहा है। उसी तर्ज पर  संभाग के जिले भी जैविक खेती को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जैविक कृषि के लिए 1150 क्लस्टर तैयार किये जा रहे हैं। 

प्रसंस्करण इकाई के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान
श्रीमती राजे ने कहा कि कोई किसान अपनी जमीन पर कृषि प्रसंस्करण इकाई लगाना चाहता है तो उसे 40 लाख रुपये तक के निवेश पर 20 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन की सेहत सुधारना, उन्हें अच्छी खाद-बीज उपलब्ध कराना ही काफी नहीं है।

किसानों को कृषि प्रसंस्करण और एग्रो इण्डस्ट्री से जोड़ना भी जरूरी है, ताकि वे बाजार की मांग के अनुरूप पैदावार लेकर अपनी आय बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष 15 हजार करोड़ रुपये का फसली ऋण देकर करीब 25 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को 7.1 प्रतिशत की दर से फसली ऋण दिया जा रहा है। 
 
 संभाग के किसान भी जुडें नवाचार से 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेती के क्षेत्र में नित नवाचार हो रहे हैं। जैतून और खजूर की खेती के बाद अब क्विनोवा की खेती भी शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि कोटा संभाग में डे्रगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी जैसी फसलों में भी पैदावार की अपार संभावनाएं हैं। कोटा संभाग के किसान प्रगतिशील एवं नवाचार सीखने को तत्पर हैं। ऎसे में वे ग्राम 2017 में जाजम बैठकों एवं सेमीनार में हिस्सा लेकर तथा स्मार्ट फार्म एवं प्रदर्शनी में नई कृषि पद्धतियों की जानकारी लेकर जरूर लाभांवित होंगे।