- 1.25 करोड़ नए करदाता इस वित्त वर्ष में जोड़ने का लक्ष्य किया गया है तय
- 08 करोड़ लोग आयकर भरते हैं देश में इस समय
नई दिल्ली। सरकार साल दर साल बिना चूके ईमानदारी के साथ अपना कर भुगतान करने वाले करदाताओं को सम्मानित करने की नीति तैयार कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि एक ही आमदनी वाले छोटे करदाताओं के रिटर्न भरते ही कुछ घंटों के अंदर उनका रिफंड प्रोसेस कर देने की तैयारी भी इस नीति का ही हिस्सा है।
इस नीति के साल के अंत तक लागू वित्त मंत्रालय के इस वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग की नीति निर्माण संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के तहत एक कमेटी बनाई गई है। ये कमेटी समय पर और अपना पूरा कर अदा करने वाले करदाताओं को सम्मानित करने तथा लाभ पहुंचाने की नीति के दिशा-निर्देश तैयार कर रही है।
ये प्रस्ताव वित्त मंत्रालय की तरफ से जांचने के बाद केंद्रीय कैबिनेट में रखने से पहले फाइनल मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। अधिकारी ने बताया कि विभाग बंगलूरू में अपने सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) का आउटपुट बढ़ाने से जुड़ा कैबिनेट नोट पहले ही भेज चुका है।
करदाताओं के डाटा और उनके आईटी रिटर्न के भंडार को स्वचालित तरीके से निपटाने की सीपीसी की क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। ये क्षमता बढ़ते ही छोटे करदाताओं के आईटी रिटर्न दिनों के बजाय कुछ घंटों में ही निपटने लगेंगे। इससे उन्हें रिटर्न भरने के बाद बहुत जल्दी रिफंड मिल पाएगा।
टोल प्लाजा पर मिलेगी प्राथमिकता
ईमानदार करदाताओं को एयरपोर्ट, रेलवे और टोल प्लाजा आदि पर प्राथमिकता जैसे कई तरह के लाभ देने की योजना भी इस करदाता सम्मान नीति में शामिल की जा रही है। इसके लिए ईमानदार और समय से लगातार कर देने वालों को एक यूनिक पहचान नंबर दिया जाएगा या फिर उनके पैन नंबर को ही विशेष श्रेणी में रख दिया जाएगा।
बता दें कि कुछ साल पहले सीबीडीटी ने एक प्रस्ताव बनाया था, जिसके तहत ईमानदार करदाताओं को सीबीडीटी चेयरमैन की तरफ से धन्यवाद का ई-मेल भेजने की बात कही गई थी। इस प्रस्ताव को भी दोबारा आगे बढ़ाया जा रहा है।
पीएम ने जताई थी इस सिस्टम की इच्छा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल वरिष्ठ कर अधिकारियों के साथ कांफ्रेंस के दौरान करदाता सेवाओं को बढ़ाने और ईमानदार करदाताओं को अहमियत देने की अपील की थी। इसके बाद ही ये भी प्रस्ताव आया था कि समय पर और लगातार कर देने वाले करदाताओं का सामाजिक समारोह आयोजित बड़े सरकारी अधिकारियों की तरफ से आम जनता के बीच सम्मान किया जाए।
देश में करदाता
आईपीएल के पास पर लगेगा जीएसटी
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों के दौरान फ्रेंचाइजी मालिकों की तरफ से बांटे जाने वाले मुफ्त पास या टिकट पर भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। इस बात के आदेश अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) ने आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर दिया है।
एएआर की पंजाब पीठ ने निर्णय दिया है कि मुफ्त टिकट को सेवा देने के तहत ही माना जाए और इस पर टैक्स वसूला जाए। बता दें कि आईपीएल टिकट पर 18 फीसदी की हिसाब से जीएसटी वसूलने का प्रावधान है। एएआर ने हालांकि केपीएच ड्रीम को ये भी राहत दी है कि वह इसके बदले इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा कर सकती है।