कोटा। डॉ. डा आरसी साहनी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस ओल्ड एज के लिये नहीं, अपितु गोल्ड एज को समर्पित है । मेरी दृष्टि में एज केवल एक नम्बर है । यदि आप नशा और निराशा दोनों से मुक्त हैं तो आपको दीर्घायु तक जीने से कोई नहीं रोक सकता। वे सोमवार की शाम को राजकीय पं दीनदयाल उपाध्याय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय, कोटा में अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर आयोजित वृद्धजन विमर्श एवं सम्मान समारोह -2018 को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
अध्यक्षता कर रहे डा रघुनाथ मिश्र ने कहा कि – युवाओं एवं व्रद्धों मे संवादहीनता के लिये आवश्यक है कि बालयवस्था से ही संस्कारित करते रहें । डा.एल.अग्रवाल ने होप सोसायटी के गतिविधियों के बारे मे बताया । डा. वेद प्रकाश ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन के लिये कुल जी.डी.पी. का 0.002 प्रतिशत ही मिलना सरकार के वृद्धजनो के प्रति कितना लगाव हे दर्शाता है ।
उदघाटन सत्र मे संभागीय पुस्तकायाध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि समारोह का विषय था, आज के संदर्भ में घर के बुजुर्ग अपने आपको अलग –थलग या उपेक्षित महसूस करते है, जिम्मेदार कौन? उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने घरों मे शून्य पैदा कर दिया है।
घरों मे खामोशी है बुजुर्ग मौन हैं । उन्होने कहा – “खामोश समंदर ठहरी हवा तूफां की निशानी होती है।डर जब ज्यादा लगता है, जब नाव पुरानी होती है। इस अवसर पर डा. प्रीतिमा व्यास , शशि जैन , प्रीति शर्मा , अजय सिंह , चन्द्रशेखर सिंह , नवनीत शर्मा ने भी अपने विचार प्रकट किये ।
इनका हुआ सम्मान
इस दिवस पर सम्मानित होने वालो में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रघुनाथ मिश्र ‘सहज’, वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. एल.अग्रवाल, राजस्थान ब्लड बेंक सोसायटी अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश, डॉ. आर.सी .साहनी, डॉ. प्रभात सिंघल, डॉ. अरविंद सक्सेना सेवानिवृत उपाचार्य कालेज शिक्षा, किसान एवं आयुर्वेदिक शोधकर्ता, कन्हैया लाल गोचर, किसान, प्रभु लाल मीणा शामिल थे। बेस्ट रेगुलर रीडर ऑफ दी ईयर एवार्ड के.बी. दीक्षित को दिया गया ।