नई दिल्ली। रेलगाड़ियों की गति बढ़ाने के लिए रेलवे लगातार प्रयास कर रहा है । इसी प्रयास के तहत रेलवे की ओर से चेन्नई स्थित इंटीग्रल रेल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में ट्रेन 18 नाम से एक खास तरीके का रेक तैयार किया जा रहा है ।
बुलेट ट्रेन जैसी दिखने वाली ये ट्रेनें सेमी हाई स्पीड ट्रेनें होंगी। रेलगाड़ियों की गति बढ़ाने में ये गाड़ियां रेलवे का बड़ा कदम होंगी। इस गाड़ियों की औसत गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है।
फिलहाल देश में गतिमान एक्सप्रेस सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है. यह गाड़ी दिल्ली से आगरा के बीच चलाई जाती है। इस रूट पर कुछ दूरी यह गाड़ी 160 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से तय करती है।
ये हैं ट्रेन 18 रेलगाड़ी के फीचर
‘ट्रेन 18’ रेलगाड़ियों के रेक चेन्नई स्थित आईसीएफ कोच फैक्ट्री में तैयार हो रहे हैं। माना जा रहा है कि ये ट्रेनें देश की प्रीमीयम गाड़ियां मानी जाने वाली शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह लेंगी। अक्टूबर तक ”ट्रेन-18” के रेक बन कर तैयार हो जाने की संभावना जताई जा रही है।
ऐसे में इस साल के आखिर तक ट्रेन 18 पटरियों पर दौड़ती दिख सकती है। इस रेलगाड़ी को एयरोडायनेमिक ड्राइवर कैप डिजाइन के तहत तैयार किया गया है। इस रेलगाड़ी में कुल 16 कोच होंगे। वैकल्पिक कोच में मोटराइज्ड इंजन की व्यवस्था की गई है ताकि पूरी ट्रेन एक साथ तेजी से चल सके और रुक सके। ट्रेन शुरू से लेकर आखिरी तक आपस में जुड़ी होगी।
देश में आधी कीमत में तैयार हो रही ट्रेन
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार ”ट्रेन-18” को 100 करोड़ रुपये की कीमत में बनाया जा रहा है।अगर ऐसी ट्रेन विदेशों से मंगाई जाती तो उसकी कीमत तकरीबन 200 करोड़ रुपये होती। ऐसे में इस ट्रेन को आयात करने की तुलना में मात्र आधी कीमत पर तैयार कर लिया गया है।
इस रेलगाड़ी में लगने वाले 80 फीसदी पुर्जे भी मेक इन इंडिया के तहत देश में ही बनाए गए हैं। खास बात यह है कि इस रेलगाड़ी को 18 महीने की अवधि के दौरान सोचा गया और डिजाइन किया गया।