नई दिल्ली। इंटरनेशनल मार्केट में सोमवार को क्रूड 80.70 डॉलर प्रति बैरल के साथ लगभग 4 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। कीमतों में इस तेजी की वजह तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के सबसे बड़े प्रोड्यूसर सऊदी अरब और रूस के बयान रही, जिसमें उन्होंने कहा था कि मार्केट में एक्स्ट्रा क्रूड की कोई जरूरत नहीं है।
हालांकि इस सप्ताह सिंगापुर में इकट्ठा हुए इंडस्ट्री के ट्रेडर्स और रिफाइनर्स ने क्रूड में कमी की बात कही थी। इससे भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें और बढ़ने की आशंका पैदा हो गई हैं।
4 साल के उच्चतम स्तर पर क्रूड
ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट क्रूड 80.94 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया, हालांकि फिलहाल यह 80.70 डॉलर के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। नवंबर, 2014 के बाद ऐसा पहली बार है कि ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल के पार गया है।
इससे पहले वीकेंड पर सऊदी अरब के एनर्जी मिनिस्टर खालिद अल-फलीह ने ओपेक की मीटिंग के बाद कहा था कि उत्पादन बढ़ाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। माना जा रहा है कि इस बयान से कीमतों में तेजी आई है। फलीह ने कहा था, ‘मार्केट में पर्याप्त सप्लाई है। मुझे नहीं लगता कि दुनिया का कोई रिफाइनर तेल की डिमांड कर रहा हो और उसे तेल मिल नहीं रह हो।’
ईरान पर प्रतिबंधों की तारीख आई नजदीक
दरअसल ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने की 4 नवंबर की तारीख अब नजदीक आ रही है, जिससे दुनिया में क्रूड मार्केट पर प्रेशर बढ़ रहा है। ऐसे में 4 नवंबर के बाद हालात और भी बद्तर होने की आशंकाएं पैदा हो गई हैं। भारत की बात करें तो वह ईरान से बड़ी मात्रा में तेल का इंपोर्ट करता है, जिससे उससे इस पर सीधा असर पड़ेगा।
शॉर्ट टर्म में 85 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है भाव
एंजेल ब्रोकिंग कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च अनुज गुप्ता का कहना है कि शॉर्ट टर्म में ब्रेंट क्रूड 85 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है। सऊदी अरब और नॉन ओपेक देशों के बीच रविवार को हुई बैठक में सप्लाई नहीं बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
सऊदी का कहना है कि वो 80 डॉलर प्रति बैरल क्रूड के भाव से कंफर्टेबल है। इससे शॉर्ट टर्म में ब्रेंट क्रूड 85 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है। वहीं घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 से 3 रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है।