पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि राज्य व केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के बैंक खातों को आधार से जोड़ने के कारण भुगतान पारदर्शिता आई है। इससे बड़े पैमाने पर फर्जी लाभार्थियों की छंटनी हुई और परिणामस्वरूप केन्द्र व राज्य सरकारों को करीब 90 हजार करोड़ की बचत हुई है।
पटना स्थित मुख्य सचिवालय सभागार में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘आधार प्रमाणीकरण सेवा’ की शुरूआत करते हुए सुशील ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि बिहार में अबतक 10.17 करोड़ लोगों (83 प्रतिशत) का आधार कार्ड बन चुका है।
प्रदेश के कुल 8 करोड़ 19 लाख सक्रिय बैंक खातों में से 4 करोड़ 84 लाख का आधार प्रमाणीकरण तथा 5 करोड़ 82 लाख को आधार व 5 करोड़ 13 लाख को मोबाइल नम्बर से जोड़ा जा चुका है। सुशील ने कहा कि बिहार में एक करोड़ 68 लाख पीडीएस कार्ड धारकों में से 82 प्रतिशत को आधार से जोड़ने व 40 प्रतिशत का प्रमाणीकरण हो चुका है।
इनमें 9 लाख 46 हजार संदेहास्पद कार्डधारक पाए गए हैं जिनमें से 1 लाख 85 हजार के कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग की ओर से वृद्धा, विधवा व दिव्यांग पेंशन पाने वाले 67 लाख 70 हजार लाभार्थियों को जब आधार से जोड़ा गया तो इनमें 5 लाख 53 हजार मृत या लापता पाये गए।
सुशील ने कहा कि बिहार सरकार 4 करोड़ 21 लाख लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए 8,152 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके खाते में करती है। 2014 से अब तक एलपीजी के 11 लाख 77 हजार कनेक्शन बंद किए गए हैं इससे पिछले 4 साल में 425 करोड़ की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि पूरे देश के स्तर पर 2 करोड़ 75 लाख राशन कार्ड को रद्द किया गया है जिससे 29, 708 करोड़ की बचत हुई है।
एलपीजी के 3 करोड़ 80 लाख कनेक्शन को रद्द किया गया है। 2 करोड़ 22 लाख लोगों द्वारा सब्सिडी का त्याग करने से 42,275 करोड़ की तथा आधार सिडिग की वजह से मनरेगा के अन्तर्गत 16 हजार करोड़ की बचत हुई है। कार्यक्रम में सूचना प्राद्योगिकी सचिव राहुल सिंह, योजना व विकास सचिव मनीष वर्मा तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।