नई दिल्ली। 1 सितंबर 2018 से नई कार और टू-व्हीलर्स को खरीदना महंगा हो जाएगा। अब कार और टू-व्हीलर्स को खरीदने के वक्त ही कम से कम तीन साल और पांच साल इंश्योरेंस कवर लेना होगा। ऐसे में नए व्हीकल्स पर लाॅन्ग टर्म प्रीमियम पेमेंट्स की वजह से शुरुआती खर्च बढ़ जाएगा।
हालांकि, इससे कंज्यूमर्स को हर साल इंश्योरेंस रिन्यू कराने की दिक्कत कम हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवरेज बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। फोर व्हीलर व्हीकल्स को तीन साल और टू-व्हीलर मालिक को 5 साल का कवर लेना अनिवार्य होगा।
इंश्योरेंस कंपनियों को मिलेगी मदद :रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के कार्यकारी निदेशक और सीईओ राकेश जैन ने कहा कि ऐसे देश में जहां कुल वाहनों में से 50 फीसदी से अधिक के पास इंश्योरेंस ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश बहुत मदद करेगा। इससे वाहन मालिक को भी अनुशासन में रहने का सबक मिलेगा। अभी वाहनों को पहली बार खरीदे जाने पर बीमा कवर अनिवार्य है, लेकिन कई मामलों में उन्हें बाद में रिन्यू नहीं कराया जाता।
50 फीसदी वाहनों के पास नहीं है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस : सभी व्हीकल्स के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी होता है लेकिन देश में 50 फीसदी से अधिक ऐसे व्हीकल सड़कों पर चल रहे हैं, जिन्होंने एक बार के बाद आगे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस रिन्यू नहीं कराया। अभी व्हीकल खरीदते वक्त 1 साल का इंश्योरेंस किया जाता है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह समय बढ़ा कर टू-व्हीलर के लिए पांच और फोर व्हीलर व्हीकल्स के लिए तीन साल कर दिया है।
कंपनियों के पास हैं लॉन्ग टर्म प्रोडक्ट्स : बीमा कंपनियों ने लॉन्ग टर्म मोटर इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स डिजाइन किए है, जो व्हीकल के डैमेज के साथ-साथ थर्ड पार्टी के लिए पर्याप्त है। थर्ड पार्टी कवर से आशय व्हीकल से तीसरे व्यक्ति को होने वाले नुकसान को कवर करने से है।
PUC भी चेक करें बीमा कंपनियां : रोड सेफ्टी पर बनी सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने देश के इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एवं डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (इरडा) से कहा था कि वे बीमा कंपनियों को व्हीकल्स की सेल के समय ही एक अनिवार्य लॉन्ग टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफर करें।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनियों से यह भी देखने के लिए कहा था कि हर व्हीकल के पास मोटर बीमा पॉलिसी के रिन्यूअल के समय वैध पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC) है। टर्म प्रीमियम पेमेंट्स की वजह से शुरुआती खर्च बढ़ जाएगा।
हालांकि, इससे कंज्यूमर्स को हर साल इंश्योरेंस रिन्यू कराने की दिक्कत कम हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवरेज बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। फोर व्हीलर व्हीकल्स को तीन साल और टू-व्हीलर मालिक को 5 साल का कवर लेना अनिवार्य होगा।