नई दिल्ली। हर्षद मेहता घोटाले से हुए नुकसान की वसूली मेहता फैमिली से 25 साल बाद भी चल रही है। कोर्ट की ओर से नियुक्त किए कस्टोडियन ने अब तक दिवंगत मेहता की संपत्तियों को बेचकर 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बैंकों और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नाम जारी कराई है।
मेहता के पारिवारिक सदस्यों और सहयोगियों ने बीते सप्ताह भी 614 करोड़ रुपये की रकम बैंक को दी। कस्टोडियन ने मेहता परिवार से इस घोटाले की राशि को वसूलने के लिए 2,000 करोड़ रुपये तक की एक और संपत्ति के बारे में पता लगाया है, जिसकी नीलामी का जाएगी। इस केस में अब तक मेहता परिवार से कुल 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिकवरी की जा चुकी है।
इसमें मेहता परिवार की प्रॉपर्टी और शेयर्स भी शामिल हैं। इस मामले पर सुनवाई के लिए सरकार ने जून, 1992 में एक ऑर्डिनेंस पास कर स्पेशल कोर्ट का गठन किया था। इस कोर्ट ने ही कस्टोडियन की नियुक्ति की थी, जिसे मेहता की संपत्तियों की जानकारी जुटाने, उन्हें जब्त कराने और नीलामी के जरिए रकम की वसूली करने का काम सौंपा गया था।
कस्टोडियन का हालिया फैसला 2 मई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए उस आदेश के बाद आया है, जिसमें 614 करोड़ रुपये डिस्बर्स किए जाने का आदेश दिया गया था। इसमें से 507 करोड़ रुपये स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के खाते में जाने हैं, जबकि 107 करोड़ रुपये एसबीआई ग्रुप को मिलेंगे।