मुंबई। यूजीसी ने 35 स्टेट और सेंट्रल यूनिवर्सिटी द्वारा ऑफर किए जा रहे डिस्टेंस लर्निंग कोर्सों की मान्यता रद्द कर दी है। इससे देश भर में लाखों छात्रों का भविष्य अनिश्चितता के भंवर में फंस गया है। यूजीसी के फैसले को वापस लेने के लिए संस्थानों से एक महीने के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
शुक्रवार को यूजीसी के डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो ने अधिसूचित किया कि पांच सालों से नियमित रूप से यूनिवर्सिटी जिन कोर्सों का संचालन नहीं कर रही हैं, उसकी मान्यता भी रद्द होगी। यूजीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यूजीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पेशेवर कोर्स जैसे एमबीए, एमसीए, बीएड, होटल मैनेजमेंट और टूरिजम आदि के लिए संबंधित रेग्युलेटरी अथॉरिटी से पहले मंजूरी लेनी होगी, उसके बाद ही मान्यता दी जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि डीम्ड यूनिवर्सिटी द्वारा ऑफर किए जा रहे कोर्सों की अभी समीक्षा की जा रही है। कोर्स को रद्द किए जाने के भय से कई यूनिवर्सिटियों ने ऑफर किए जाने वाले प्रोग्रामों की संख्या घटा दी है क्योंकि वे अनुपालन की जरूरतों को पूरा नहीं करते हैं।
महाराष्ट्र पर सबसे ज्यादा असर
महाराष्ट्र इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। मुंबई यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ डिस्टेंट ऐंड ओपन लर्निंग (आईडीओएल), शिवाजी यूनिवर्सिटी, मराठावाड़ा यूनिवर्सिटी और महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी की मान्यता खत्म हुई है। इसके अलावा यशवंतराव चाह्वान महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी को अपने 38 यूजी और पीजी प्रोग्रामों में से सिर्फ 17 में दाखिले की अनुमति है।
मुंबई यूनिवर्सिटी के आईडीओएल के निदेशक डॉ.हरिचंदन ने बताया, ‘हमारे सभी कोर्सों की अनुशंसा एक्सपर्ट कमिटी ने की थी। हम नहीं जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ। मुंबई यूनिवर्सिटी एक स्वायत्त संस्था है और हमारे कोर्सों को हमारी ऐकडेमिक काउंसिल मान्यता देती है, हमारे कोर्सों की मान्यता खत्म करने वाला यूजीसी कौन है?’
यूजीसी की ओर से बताया गया है कि मान्यता रद्द करने का कारण इस यूनिवर्सिटे के पास नैशनल असेस्टमेंट ऐंड ऐक्रेडिटेशन काउंसिल (एनएएसी) की मान्यता का न होना है। अप्रैल 2017 में ही यूनिवर्सिटी के ग्रेड की समयसीमा खत्म हो गई थी। 6 फरवरी को यूजीसी द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक किसी संस्थान को यूजीसी से मान्यता लेने के लिए तीन महीने के अंदर पहले एनएएसी से मान्यता लेनी होगी।
अगर तीन महीने के अंदर एनएएसी से मान्यता नहीं मिलती है तो यूजीसी से भी मान्यता नहीं मिलेगी। सीनेट के एक सदस्य ने कहा, ‘हमने अथॉरिटीज की जानकारी में यह बात लाई थी लेकिन किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई। समयसीमा अप्रैल में समाप्त हो गई।’
यशवंतराव चाह्वान महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ई.वायुनंदन ने बताया कि जिन कोर्सों के लिए आवेदन किया था, उनमें से ज्यादा को वैधता प्रदान कर दी गई है लेकिन बुनियादी कोर्सों की ही मान्यता रद्द कर दी गई है। उदाहरण के लिए कॉमर्स के सभी कोर्सों जैसे बीकॉम कोऑप्रेटिव मैनेजमेंट और एमकॉम को मान्यता मिल गई है जबकि प्लेन बीकॉम प्रोग्राम को नहीं। जिन प्रोग्रामों की मान्यता मिली है, उसकी लिस्ट