नई दिल्ली। नैशनल एलिजिबिलीट कम एंट्रेंस टेस्ट-यूजी (नीटयूजी) के लिए 2019 में नए नियम लागू नहीं होने की संभावना है। दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय ने कम से कम 2019 तक परीक्षा साल में दो बार और ऑनलाइन नहीं कराने का प्रस्ताव रखा है। उस प्रस्ताव पर फिलहाल मानव संसाधन विकास मंत्रालय विचार-विमर्श कर रहा है और अगले हफ्ते तक उस पर कोई फैसला लेगा
एक एचआरडी अधिकारी के मुताबिक, ‘इसका मतलब है कि 2019 में अंडरग्रैजुएट चिकित्सा प्रवेश परीक्षा में यथापूर्व स्थिति बनी रहेगी यानी कोई बदलाव नहीं होगा।’ आपको बता दें कि एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर ने करीब एक महीने पहले अपनी महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की थी।
इस योजना के तहत मेडिकल/डेंटल कोर्सों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा नीट और इंजीनियरिंग कोर्स के जेईई-मेन का साल में दो बार आयोजन किया जाएगा। इन परीक्षाओं के आयोजन के लिए एक नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) का भी गठन किया गया है।
यह भी घोषणा की गई थी कि एनटीए के द्वारा आयोजित होने वाली सभी परीक्षाएं कंप्यूटर आधारित होंगी। मंत्रालय की ओर से परीक्षाओं की संभावित तारीख की भी घोषणा कर दी गई थी। इस घोषणा के मुताबिक, साल की पहली नीट यूजी फरवरी 2019 में और दूसरी मई 2019 में होनी थी।
सूत्रों के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय के दबाव पर एचआरडी मिनिस्ट्री अपने इस प्रस्ताव पर फिर से गौर कर रही है। अगले हफ्ते तक एचआरडी मिनिस्ट्री इस मामले में कोई फैसला लेगी। एचआरडी अधिकारी ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि परीक्षा के आयोजन में सीबीएसई को एनटीए का सहयोग करना चाहिए क्योंकि बोर्ड के पास कई सालों तक परीक्षा का आयोजन कराने का अनुभव है।