कोटा। शहर में अब बिजली कंपनी स्मार्ट मीटर नहीं लगाएगी, पांच से अधिक कमरों के पीजी से काॅमर्शियल बिल की वसूली भी नहीं होगी। जिन उपभोक्ताओं के अधिक बिल आए हैं, उन्हें स्मार्ट मीटर लगाने के पहले छह माह का तथा बाकी को अप्रैल-18 के पहले छह माह का एवरेज देखते हुए बिल दिया जाएगा।
हॉस्टल से काॅमर्शियल बिल वसूली की नीति तय करने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में टीम बनेगी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर बाद में इसे लागू किया जाएगा। यह फैसला रविवार को जयपुर डिस्कॉम के एमडी आरजी गुप्ता की अध्यक्षता में कलेक्टर रोहित गोयल, सांसद ओम बिरला, शहर के चारों भाजपा विधायकों और केईडीएल के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में लिया गया।
बैठक में सांसद बिरला, विधायक भवानीसिंह राजावत, प्रहलाद गुंजल, संदीप शर्मा, चंद्रकांता मेघवाल, महापौर महेश विजय तथा यूआईटी अध्यक्ष राम कुमार मेहता ने शहर की जनता में केईडीएल को लेकर बढ़ रहे असंतोष को खुलकर उठाया गया। कलेक्टर गोयल ने भी जनता की समस्याओं का जिक्र किया। इसके बाद गुप्ता ने एक-एक मुद्दे पर चर्चा करके उसका निदान किया।
जयपुर डिस्कॉम की लैब में जांचे जाएंगे स्मार्ट मीटर
गुप्ता ने कहा कि वैसे तो स्मार्ट मीटर लगाना केन्द्र सरकार की नीति है, इनके तेज चलने को लेकर भ्रांतियां है। फिर भी जब तक आम नागरिक इससे सहमत नहीं होते, इसे नहीं लगाया जाएगा।
जो भी मीटर लगाए जाएंगे या जो लग चुके हैं, उपभोक्ता की शिकायत पर इन मीटरों की जांच डिस्कॉंम की लेबोरेटरी में की जाएगी। जो उपभोक्ता चाहेगा, उसके स्मार्ट मीटर के साथ दूसरा मीटर भी लगाया जाएगा। दोनों मीटर की रीडिंग में अंतर आता है तो वहां से स्मार्ट मीटर हटा लिया जाएगा। मीटर तभी लगेगा, जब उपभोक्ता चाहेगा।
कमेटी तय करेगी हॉस्टल से बिल वसूली की दर
5 से अधिक कमरों वाले पीजी पर काॅमर्शियल बिल देने का सभी विधायकों व महापौर ने विरोध कर इसे बंद करने के लिए दबाव बनाया। गुप्ता ने इस आदेश को निरस्त कर दिया। कितने कमरों के हॉस्टल को इस दायरे में लाया जाए, इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित होगी।
कमेटी नीति तय कर नियामक आयोग को भेजेगी। सभी विधायक व सांसदों ने कहा कि व्यावसायिक प्लॉट पर बने हॉस्टल से ही कॉमर्शियल बिल लिया जाए। विधायक गुंजल ने लैण्डमार्क सिटी में काॅमर्शियल बिल जारी करने का भी विरोध किया।
दो माह में ही जारी होंगे बिल
बढ़े हुए बिजली बिलों को कम किया जाएगा
विधायकों ने बिल बढ़कर आने की शिकायतें भी की। विधायक गुंजल व शर्मा ने तो गुप्ता को बिल भी दिखाए, कलेक्टर ने भी इसे माना। इस पर गुप्ता ने कहा कि जो बिल आए हैं, उसकी समीक्षा की जाएगी। उपभोक्ता स्मार्ट मीटर की शिकायत करता है तो मीटर लगने से छह माह पहले के भुगतान के आधार पर एवरेज बिल जारी किया जाए। बिल अधिक क्यों आया, बिजली कंपनी इसकी जांच करे, बिल सही है तभी उसे वसूला जाएगा।
अब जयपुर डिस्कॉम करेगा केईडीएल की मॉनिटरिंग
जयपुर डिस्कॉंम केईडीएल की मॉनिटरिंग करेगा। सीएमडी गुप्ता ने बताया कि लोगों की समस्या सुनने के लिए तीन उपभोक्ता केंद्र स्थापित करेगा। डिस्कॉंम भी नयापुरा आफिस में उपभोक्ता केंद्र बनाएगा जिसमें एक एक्सईएन, एईएन व जेईएन बैठेंगे। वे केईडीएल से संबंधित सभी समस्याओं की सुनवाई करेंगे।
जोनल चीफ इंजीनियर क्षेमराज मीणा ने बताया कि तीन दिन में इसे चालू कर दिया जाएगा। बैठक में हो रहे फैसलों की क्रियान्विति हुई या नहीं, इससे जनता को संतुष्टि मिली या नहीं, इसके लिए 15 दिन बाद फिर से बैठक की जाएगी।